अमेरिका और चीन साउथ चाइना सी में आमने सामने, टकराव बढ़ने के आसार
अमेरिका और चीन साउथ चाइना सी में आमने सामने, टकराव बढ़ने के आसार  
दुनिया

अमेरिका और चीन साउथ चाइना सी में आमने सामने, टकराव बढ़ने के आसार

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 06 जुलाई (हि.स.)। चीन और अमेरिका के बीच साउथ चाइना सी में टकराव बढ़ने के पूरे आसार बन रहे हैं। चीन ने अमेरिका को चुनौती देते हुए कहा है कि वह अमेरिकी ‘बदनीयती’ का जवाब देने के लिए तैयार है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने अपने दो एयर क्राफ्ट कैरियर यूएसएस रोनाल्ड रीगन और यूएसए निमित्ज साउथ चाइना सी में उतार दिए हैं और वे धीरे धीरे चीन की ओर बढ़ रहे हैं। चीन पिछले बुधवार से साउथ चाइना सी के पार्सेल आईलैंड के पास पांच दिनों का युद्धाभ्यास कर रहा है। चीन की सबमेरिन और पोत को देखकर ही अमेरिका ने इस क्षेत्र में अपने दो एयरक्राफ़्ट कैरियर उतारे हैं। इधर वियतनाम और फिलिपीन ने भी चीन के युद्धाभ्यास पर गंभीर चिंता जताई है। साउथ चाइना माॅर्निंग पोस्ट के अनुसार फिलीपींस के डिफेंस सेकेरटरी डेल्फिन लोरेनजाना ने कहा है कि चीन द्वारा पार्सेल आईलैंड के पास मिलिट्री एक्सरसाइज करना एक उकसावे वाली कार्रवाई है। वहीं वियतनाम के विदेश मंत्रालय का कहना है कि पार्सेल आईलैंड उसका क्षेत्र है जहां घुंसकर चीन ने उसकी सीमा का अतिक्रमण किया है। वियतनाम ने यह भी कहा है कि यदि चीन इस क्षेत्र से नहीं निकलता तो आसियान देशों का बीजिंग के साथ संबंध खराब होगा। साउथ चाइना माॅर्निंग पोस्ट के अनुसार चीन के सरकारी मीडिया ने कहा है कि बीजिंग हर उस चुनौती का जवाब देगा जो वाशिंग्टन ने उसके सामने खड़ी की है। इस समय चीन और अमेरिका दोनों की नेवी युद्धाभ्यास के नाम पर एक दूसरे के सामने खड़ी है। इस बीच चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने यह बयान जारी किया है कि फिलहाल साउथ चाइना सी में सामान्य स्थिति है, लेकिन अमेरिका अपने युद्ध पोत भेजकर बीजिंग और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के बीच युद्ध के लिए उकसावे का प्रयास कर रहा है। झाओ ने कहा कि अमेरिका जानबूझ कर साउथ चाइना सी में इतना बड़ा मिलिट्री एक्सरसाइज कर रहा है और अपनी ताकत दिखा रहा है। उनका इरादा कुछ और है। अमेरिका इस क्षेत्र के देशों को आपस में लड़वाना चाहता है और साउथ चाइना सी का मिलिट्राइजेशन करना चाहता है। दूसरी तरफ अमेरिका का कहना है कि उसे साउथ चाइना सी में इसलिए अपने युद्ध पोत भेजने पड़े क्योंकि चीन यहां दबदबा कायम करने का प्रयास कर रहा है। अमेरिकी युद्ध पोत यूएसएस रोनाल्ड रीगन के कमांडर एडमिरल जार्ज विकाॅफ ने एक इंटरव्यू में कहा है कि उनका साउथ चाइना सी में ड्रिल का मकसद अपने सहयोगी देशों को यह साफ संदेश देना है कि हम क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए वचनबद्ध हैं ।इधर यूएस मिलिट्री ने एक टवीट के जरिए यह जानकारी दी है कि साउथ चाइना सी में उनकी ड्रिल के साथ बी 52 बंबर्स भी सम्मिलित होंगे। इस संदेश में यह भी कहा गया है कि अमेरिका के दोनों युद्ध पोत एक्सरसाइज तो करेंगे लेकिन चीन के किसी उकसावे वाली कार्रवाई पर ध्यान नहीं देंगे। अमेरिकी मिलिट्री के इस ट्वीट के जवाब में चीन ने भी साउथ चाइना सी में उतरे अपने युद्धपोतों और हथियारों के बारे जानकारी जारी की। ग्लोबल टाइम्स के एक लेख में चीन ने कहा कि है कि साउथ चाइना सी में उनकी स्थिति बेहद मजबूत है और उन्होंने एंटी एयरक्राफ़्ट कैरियर विपेन डीएफ 21डी और डीएफ 26 तैनात कर रखे हैं। चीन नेवी के रिटायर्ड आफिसर वांग यूनफेई द्वारा लिखे गए लेख में यह कहा गया है कि चीन इसके पहले भी बैलेस्टिक मिसाइल और एंटी शिप मिसाइल के साथ साउथ चाइना सी में मिलिट्री एक्सरसाइज कर चुका है, इसलिए अमेरिका की ओर से दी जा रही किसी भी चुनौती से निबटने के लिए चीन तैयार है। हिन्दुस्थान समाचार/बिक्रम/जितेन-hindusthansamachar.in