प्रवासी कामगारों के अधिकारों की रक्षा के लिये हेमंत सोरेन का कार्य  सराहनीय : सीटू
प्रवासी कामगारों के अधिकारों की रक्षा के लिये हेमंत सोरेन का कार्य सराहनीय : सीटू 
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प्रवासी कामगारों के अधिकारों की रक्षा के लिये हेमंत सोरेन का कार्य सराहनीय : सीटू

Raftaar Desk - P2

रांची, 09 जून (हि.स.) । सेंटर आफ इंडियन ट्रेड युनियन्स (सीटू) के अखिल भारतीय महासचिव तपन सेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर उनकी सरकार द्वारा सक्रिय हस्तक्षेप कर झारखण्ड के प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों को सुरक्षा देने के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की है। तपन सेन ने अपने पत्र मे इस बात का उल्लेख किया है कि समाचार पत्रों मे प्रकाशित जानकारी के अनुसार सीमा सड़क संगठन( बीआरओ) और झारखंड सरकार के बीच हुए एमओयू से राज्य के उन 12 हजार श्रमिकों को जो लद्दाख में सड़क निमार्ण का काम करते हैं, उन्हें ठेका प्रथा से मुक्ति मिली है जहां उनका भारी शोषण होता था। अब ये मजदूर अंतरराज्यीय प्रवासी कामगार (नियोजन एवं सेवा शर्तों का नियमन) अधिनियम 1979 के अंतर्गत निबंधित होंगे। जिसमें बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जायेगी और अब इन्हें वेतन, चिकित्सा, आवास, यात्रा सुविधा समेत कार्यस्थल पर सुरक्षा प्रदान करना कानूनी वाध्यता होगी। इस घटनाक्रम में तीन महत्वपूर्ण बात नोट करने वाली है। इनमें पहला अब झारखण्ड के प्रवासी मजदूर अपने राज्य सरकार की जानकारी और सुरक्षा मे ही काम करने बाहर जायेंगे। दूसरा में अंतरराज्यीय प्रवासी कामगार एक्ट 1979 जिसे झारखण्ड सरकार ने आपरेशनल कर लागू करने का काम किया है। जबकि केंद्र की मोदी सरकार प्रस्तावित श्रम संहिता (आक्युपेशन, सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीसंस) 2019 के अंतर्गत इसे निरस्त करने जा रही है। तीसरा झारखण्ड सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम सुप्रीम कोर्ट के ताजा निर्देश के अनुरूप है। जिसमें प्रवासी कामगारों के हितों को सुरक्षा प्रदान किए जाने का आदेश दिया गया है। सीटू हेमंत सरकार के उस घोषणा का भी स्वागत करता है जिसमें उन्होंने श्रम कानूनों को झारखंड मे निलंबित नही किए का ऐलान किया है। सीटू मजदूर वर्ग के पक्ष में हेमंत सरकार द्वारा किए गए इस प्रकार के प्रभावी हस्तक्षेप के लिए उन्हें बधाई देता है । यह जानकारी सीटू के झारखंड के महासचिव प्रकाश विप्लव ने दी। हिंदुस्थान समाचार/ विकास/ सबा एकबाल-hindusthansamachar.in