नयी दिल्ली, चार मई (भाषा) मुंबई के प्रमुख कार्यालय भवनों में यदि हवा आधारित केंद्रीकृत वातानुकूलन (कूलिंग) प्रणाली की जगह पानी आधारित वातानुकूलन को अपनाया जाए, तो हर साल बिजली के बिल में 175 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है। जेएलएल इंडिया ने बुधवार को यह बात कही। संपत्ति क्लिक »-www.ibc24.in