(Punya Tithi Special 12 January) Amrish Puri: Nobody becomes a mogambo
(Punya Tithi Special 12 January) Amrish Puri: Nobody becomes a mogambo 
मनोरंजन

(पुण्य तिथि विशेष 12 जनवरी ) अमरीश पुरीः कोई यूं ही मोगैंबो नहीं बन जाता

Raftaar Desk - P2

जन्म-22 जून,1932 निधन-12 जनवरी,2005 अभिनेता अमरीश पुरी फिल्मों में प्रभावशाली अभिनय और बेहतरीन संवाद के लिए जाने जाते हैं। उन्हें कई पुरस्कार भी मिले हैं। उनके संवाद आज भी लोगों को मुंह जुबानी याद हैं। ऐसा ही एक संवाद मिस्टर इंडिया फिल्म का है- मोगैंबो खुश हुआ...। अमरीश पुरी आज बेशक हमारे बीच नहीं हैं ,लेकिन उनके संवाद गूंजते रहते हैं। 22 जून,1932 को जन्मे अमरीश पुरी ने 12 जनवरी,2005 को इस दुनिया को अलविदा कहा था। उन्होंने लगभग 400 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया। उन्हें जो भी भूमिका मिली, उसे उन्होंने जीवंत कर दिया।अमरीश पुरी हिंदी सिनेमा का वह नाम है, जिसकी कमी बॉलीवुड को हमेशा खलती है। वो अपने किरदारों में अमर हैं। बाबा भैरोनाथ : साल 1986 में श्रीदेवी, ऋषि कपूर और अमरीश पुरी के शानदान अभिनय से सजी फिल्म 'नगीना' आई थी। अमरीश पुरी ने तांत्रिक का किरदार निभाया था। उनके किरदार का नाम बाबा भैरोनाथ था। इस फिल्म में उनके किरदार और अभिनय को दर्शकों ने काफी पसंद किया था। मोगैंबो : साल 1987 में आई फिल्म 'मिस्टर इंडिया' में मोगैंबो के किरदार को कौन भूल सकता है। यह अनिल कपूर, श्री देवी और अमरीश पुरी अभिनीत फिल्म है। इसमें वह मोगैंबो के किरदार में नजर आए। इस फिल्म में उनका मशहूर डायलॉग' मोगैंबो खुश हुआ..' आज भी हर बच्चे के जुबान पर अक्सर सुनने को मिल जाता है। इस फिल्म में उनके गेटअप और किरदार को दर्शकों ने बेहद पसंद किया। जनरल डांग: साल 1992 में आई मल्टी स्टारर फिल्म 'तहलका' में अमरीश पुरी ने अपने अभिनय से सबकी खूब वाहवाही लूटी। इस फिल्म में वह जनरल डांग की भूमिका में थे। धर्मेंद्र, नसरुद्दीन शाह, मुकेश खन्ना, आदित्य पंचोली,इच्छा स्वरूप, पल्ल्वी जोशी आदि के अभिनय से सजी इस फिल्म में अमरीश पुरी विलेन की भूमिका में डांगरीला के नाम से अपना अलग साम्राज्य बसाते नजर आए। चौधरी बलदेव सिंह: ऐसा नहीं है कि अमरीश ने अपनी छाप सिर्फ विलेन के चरित्र में ही छोड़ी है। फिल्म 'दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे' में कड़क पिता चौधरी बलदेव सिंह के मुलायम दिल से उन्होंने दर्शकों के दिलों में अपनी अलग पहचान बनाई। फिल्म में जहां वो 'ऐ मेरी जोहरा जंबी' गाकर अपनी बीबी से रोमांस करते नजर आए तो अपनी बेटी सिमरन को जिंदगी जीने की आजादी भी दी। राजा साब: विलेन के तौर पर 'कोयला' में राजा साब के किरदार में भी दर्शकों ने अमरीश पुरी को काफी पसंद किया। इस फिल्म में वह उम्रदराज विलेन की खतरनाक भूमिका में नजर आए,जो न किसी का कत्ल करने से पीछे हटता और न अय्याशी करने से। इस सबके अलावा अमरीश पुरी ने परदेश, गदर एक प्रेम कथा, नायक, ऐतराज, मुझसे शादी करोगी आदि कई ऐसी फिल्में की, जो आज भी दर्शकों के दिलों में जीवित हैं। हालांकि उन्हें सबसे ज्यादा विलेन के किरदार में पसंद किया गया। उन्होंने 12 जनवरी, 2005 को अंतिम सांस ली। आज जब फिल्म जगत में विलन के बारे में जिक्र होता है ,तो उसमें अमरीश पुरी का नाम सबसे ऊपर होता है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरभि सिन्हा/मुकुंद-hindusthansamachar.in