विद्युत मजदूर संगठन ने इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 का विरोध किया, सौंपा ज्ञापन
विद्युत मजदूर संगठन ने इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 का विरोध किया, सौंपा ज्ञापन  
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विद्युत मजदूर संगठन ने इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 का विरोध किया, सौंपा ज्ञापन

Raftaar Desk - P2

विद्युत मजदूर संगठन ने इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 का विरोध किया, ज्ञापन सौंपा मेरठ, 09 जून (हि.स.)। विद्युत मजदूर संगठन उत्तर प्रदेश एवं विद्युत संविदा मजदूर संगठन उत्तर प्रदेश द्वारा आज मंगलवार को इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 के विरोध में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए विद्युत मजदूर संगठन उत्तर प्रदेश के जनपद सचिव कपिल देव सारस्वत के नेतृत्व में प्रबंध निदेशक पश्चिमाञ्चल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को ज्ञापन दिया। पश्चिमाञ्चल महामंत्री निर्दोष कुमार ने बताया कि कोरोनावायरस जैसे भयानक संक्रमण में उत्तर प्रदेश ऊर्जा निगमों के कर्मचारी और संविदा कर्मी अपनी जान की परवाह किए बिना बिजली व्यवस्था को सुचारू रूप से चला रहे हैं। इसके बावजूद संविदा कर्मियों को वाजिब वेतन नहीं मिल रहा है जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार नियमित कर्मचारी के बराबर वेतन पाने के अधिकारी हैं। बिजली कर्मचारियों का कार्य एवं प्रकृति अन्य से भिन्न है तथा राज्य सरकार से हमेशा उनके वेतन उच्च रहे हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश ऊर्जा निगमों में कार्यरत कार्यकारी सहायक/टीजी-11 तथा समकक्ष को ग्रेड पे राज्य सरकार के अनुपात में कम है। ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 का तैयार किया गया मसौदा वापस लिया जाए। उन्होंने मांग की कि नियमित कर्मचारियों एवं संविदा कर्मियों को कोरोना योद्धा घोषित किया जाए। विगत 13 वर्षों में संविदा कर्मियों के ईपीएफ मद में की गई कटौती के 10 अरब रुपए की सीबीआई जांच कराई जाए तथा अलीगढ़ में वर्ष 2012 में दर्ज कराई गई रिपोर्ट पर गिरफ्तारी कराई जाए और फर्म से ईपीएफ धनराशि की वापसी करा कर संविदा कर्मियों को वापस की जाए| संविदा कर्मियों को नियमित कर्मचारी के बराबर तथा संविदा श्रमिकों को न्यूनतम ₹18000 वेतन दिया जाए कार्यकारी सहायक/पीजी-11 तथा समकक्ष को न्यूनतम नियुक्ति ग्रेड पे ₹3000 दिया जाए। इसके साथ उन्होंने कहा कि महंगाई भत्ता फ्रिज किये जाने का आदेश वापस लिया जाए। नगर प्रतिकर भत्ता सहित अन्य समाप्त किए गए मतों को बहाल किया जाए। राज्य सरकार की भांति वर्ष अप्रैल 2005 तक उत्तर प्रदेश में नियुक्ति कर्मचारियों को भी पेंशन की सुविधा दी जाए तथा ट्रेड यूनियन एक्ट के श्रमिकों के हितों के विरुद्ध किए गए संशोधन वापस लिये जाएं। इस अवसर पर पश्चिमाञ्चल प्रभारी महेश चंद्र शर्मा, पश्चिमाञ्चल अध्यक्ष दीपक कश्यप, अजय विशिष्ट, ज्ञानेंद्र शर्मा, कपिल सारस्वत, मनोज शर्मा, विशाल शर्मा, कुलदीप कुमार आदि मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/मनमोहन/-hindusthansamachar.in