धमतरी, 16 अप्रैल ( हि.स.)। देश भर में कोरोना महामारी का प्रकोप हर दिन भयावह रूप लेता जा रहा है। प्रतिदिन बढ़ते संक्रमण से लोग सहमे हुए हैं। वहीं इन दिनों चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस बार भी पिछले वर्ष की तरह कोविड 19 के प्रभाव से नवरात्र पर्व अछूता नहीं रह पाया। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में बढ़ते कोरोना मामलों के कारण लाॅकडाउन लगाया गया है। लोग घरों पर ही रहकर माता रानी की पूजा अर्चना कर इस वैश्विक आपदा से राहत देने जनकल्याण की कामना कर रहे हैं। साल में दो बार आने वाले नवरात्र पर्व पर चारों ओर भक्तिमय वातावरण रहता है। लोग मंदिरों में मनोकामना ज्योत जलाकर परिवार एवं समाज की खुशहाली की कामना करते हैं। इस बार कोरोना महामारी ने नवरात्रि पर्व को फीका कर दिया है। काेराेना के चलते लोगों की आस्था में कमी नहीं आई है। लोग घर पर ही पूरे परिवार के साथ मिलकर पूजन कक्ष में माता रानी की पूजा-अर्चना व आराधना कर रहे हैं। नगर के शिक्षक मुकेश कश्यप ने बताया कि चैत्र नवरात्रि से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि के पहले दिन से ही हिन्दू नववर्ष आरंभ हो जाता है। हिन्दू नववर्ष यानी कि नव-संवत्सर 2078 के आरंभ होते ही शुभ कार्यों की भी शुरुआत हो जाती है। शुक्रवार को चौथे दिन माता कुष्मांडा का पूजन किया जाता है। उन्होंने नगर व क्षेत्रवासियों को चैत्र नवरात्रि एवं हिन्दू नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं दी। उनका पूरा परिवार घर में ही माता रानी की पूजा अर्चना करते हुए जनकल्याण की कामना कर रहा है। वर्ष में दो बार चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि आती है। इसमें मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा की जाती है। हालांकि, वर्ष में दो बार गुप्त नवरात्रि भी आती है, लेकिन चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि की मान्यता ज्यादा है। संवत 2078 का आरंभ 13 अप्रैल से हुआ है। प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नवरात्रि प्रारंभ होता है। इसी दिन घटस्थापना की जाती है। चैत्र नवरात्रि के समय ही राम नवमी का पावन पर्व भी आता है। चैत्र नवमी के दिन भगवान राम का जन्म हुआ था, इसलिए इसे राम नवमी कहा जाता है। पर्व को लेकर नगर से लेकर गांवों तक घरों - घर माता रानी की पूजा- अर्चना की जा रही है। भक्त उपवास रखकर पूजा कर रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार / रोशन