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धमतरी : छात्र-छात्राओं ने आभासी कोर्ट लगाकर किया प्रदर्शन, हत्या के मामले पर की बहस

Raftaar Desk - P2

धमतरी, 06 मार्च ( हि. स.)। विधि भाग एक के विद्यार्थियों ने कालेज में शनिवार को प्रदर्शन के रूप में मूटकोर्ट ( आभासी न्यायालय) लगाकर कई मामलों पर सुनवाई की। इस दौरान वादी व प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने केस जीतने हत्या समेत कई मामलों पर जमकर बहस किए। कोर्ट में कई दिलचस्प मामलों की प्रस्तुति की हुई, जिसे देखकर अतिथियों व प्रोफेसरों ने सराहना किया। बीसीएस शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय धमतरी की प्राचार्य डाॅ. श्रीदेवी चौबे के निर्देशन एवं विधि विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर दुर्गेश प्रसाद, डाॅ. सपना ताम्रकार, प्रो कोमल प्रसाद यादव, प्रो पंकज जैन एवं डाॅ. प्रेमनाथ भारती के मार्गदर्शन में विधि भाग प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने प्रायोगिक तौर पर मूटकोर्ट एक्सरसाइज एवं इंटर्नशीप पर आधारित मूटकोर्ट (आभासी न्यायालय) का आयोजन नवीन भवन सेमीनार हाल में किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्राचार्य डाॅ. श्रीदेवी चौबे थी। अध्यक्षता पूर्व प्राचार्य डाॅ. चंद्रशेखर चौबे ने किया। अतिथियों, प्रोफेसरों व दो एवं तीन भाग के विद्यार्थियाें की उपस्थिति में कोरोना से बचाव व सुरक्षा के लिए शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए मूटकोर्ट की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियाें एवं प्राध्यापकाें ने मां सरस्वती की पूजा-अर्चना कर किया। इस अवसर पर विधि की छात्रा पूनम सालुंके एवं दीपा बेहरा के द्वारा सरस्वती वंदना एवं राज्य गीत अरपा पैरी के धार की प्रस्तुति दी गई। मंच का संचालन करते हुए विधि के छात्र हुमेश्वर ने मूटकोर्ट में उपस्थित प्राध्यापकाें एवं सभी विद्यार्थियों का स्वागत कर प्रांरभिंक जानकारियां प्रस्तुत की। मूटकोर्ट में सिविल केस के दांपत्य अधिकाराें की पुर्नस्थापना केस की आभासी प्रदर्शन किया गया। जिसमें जज की भूमिका लुकेश्वरी साहू ने निभाई। वहीं वादी पक्ष के अधिवक्ता की भूमिका विनिता पाण्डेय एवं कीर्ति गांधी ने तथा प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता की भूमिका ईश्वरी तारक एवं गायत्री माया गोस्वामी ने निभाई। वादी की भूमिका भारती चन्द्राकर ने प्रतिवदी की भूमिका खूबलाल निर्मलकर ने, वादी के पिता की भूमिका हुमेश्वर ने एवं माता की भूमिका ममता रणसिंग ने निभाई। राकेश साहू ने प्रतिवादी के पिता एवं इंद्रेश्वरी ने माता की भूमिका निभाई। इसी तरह आकाश चन्द्राकर, पदमिनी सोनकर, निरंजन दास विभोर अवस्थी, रेणु मारकंडे, लीना, प्रिया, आंचल साहू, अशोक उदासी, कुंदललाल, उमा, उत्तमचंद एवं कमल कुमार ने अलग-अलग पात्राें की भूमिका निभाई। आपराधिक केस प्रजेंटेशन के तहत् भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302 के तहत् हत्या संबंधित मामलाें का प्रदर्शन किया, जिसमें न्यायाधीश की भूमिका अर्चना शर्मा ने लोक अधिवक्ता की भूमिका, दिव्या अग्रवाल ने अधिवक्ता की भूमिका निभाई। इस प्रकरण में जमकर बहस चली। इस अवसर पर कालेज के प्रोफेसर व विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार / रोशन