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धमतरी : ‘अहिंसा परमो धर्म’ के सूत्र वाक्य को जन-जन तक पहुंचाने आचार्य महाश्रमण कर रहे पैदल यात्रा

Raftaar Desk - P2

धमतरी 8 फरवरी ( हि.स.) । जैन धर्म के आचार्य महाश्रमण अन्य साधक व साध्वियों का आगमन धमतरी में सोमवार को सुबह हुआ। शहर आगमन पर जैन समाज व अन्य समाज के लोगों ने आचार्य व साधक- साध्वियों का आत्मीय स्वागत किया। धमतरी शहर के प्रवेश द्वार श्यामतराई मंडी, अंबेडकर चौक से ही स्वागत शुरू हो गया जो शहर के अलग अलग स्थानों पर चलता रहा। जैन समाज के आचार्य महाश्रमण आचार्य महाश्रमण अहिंसा परमो धर्म के सूत्र वाक्य को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से यह यात्रा कर रहे हैं। देश दुनिया में अहिंसा का संदेश देने के लिए 50 किलोमीटर से अधिक की यात्रा कर चुके हैं। धमतरी में वे दो दिन रुकेंगे। उनके साथ 100 साधु व साध्वियां चल रहे हैं। ऐसा पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में संत एक साथ शहर में हैं। यह यात्रा आंध्रप्रदेश से होते हुए कुछ दिनों पूर्व छत्तीसगढ़ की सीमा में प्रवेश हुई है। इस पदयात्रा का उद्देश्य अहिंसा परमो धर्म है। प्रतिदिन 15 किलोमीटर तक की पदयात्रा की जा रही है। आचार्य महाश्रमण ने राजधानी दिल्ली के लाल किले से अहिंसा यात्रा शुरू की है। उनकी यह यात्रा राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय होकर संपूर्ण मानवता को अहिंसा के लिए प्रेरित करने वाली है। यह पहला अवसर है जब कोई जैन आचार्य पदयात्रा करते हुए अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र के आसपास से भी गुजर रहे हैं। आचार्य महाश्रमण देश के असम, बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिसा और छत्तीसगढ़ सहित नेपाल में भी अहिंसा यात्रा निकाल चुके हैं। जाति उन्माद, साम्प्रदायिक विद्वेष ऐसे कारण हैं जो हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं। इन्ही कारणों से आचार्य महाश्रमण अहिंसा यात्रा के माध्यम से शांति स्थापित करने की दिशा में लगातार पदयात्रा कर रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार / रोशन-hindusthansamachar.in