क्राइम

जेलकर्मी की मदद से मंडोली जेल से चल रहे उगाही के धंधे का हुआ खुलासा

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 27 अगस्त (हि.स.)। द्वारका साउथ थाना पुलिस ने जेलकर्मी की मदद से मंडोली जेल से चल रहे उगाही के धंधे का खुलासा किया है। पुलिस ने हेड जेल वार्डन समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिसमें गैंग का सरगना भी शामिल है। सरगना गैंगस्टर नंदू गैंग का सदस्य है। इनके कब्जे से पुलिस ने चार मोबाइल फोन, व्हाट्सएप चैट जब्त किए हैं। जिला पुलिस उपायुक्त ऐंटो अल्फोंस ने बताया कि कुछ दिन पहले शोरूम में काम करने वाले एक व्यक्ति ने द्वारका साउथ थाने में उगाही की शिकायत दर्ज करवायी थी। जिसमें उसने बताया गैंगस्टर नंदू गैंग का सदस्य बताकर किसी ने दो नंबर से व्हाट्सएप कॉल कर उससे दस लाख रुपये की रंगदारी मांगी है। थाना प्रभारी रामनिवास के नेतृत्व में पुलिस टीम ने जांच के दौरान उन फोन नंबरों की लोकेशन और डिटेल निकाली, जिससे पीडि़त को फोन किया गया था। दोनों नंबर उस्मानपुर के रहने वाले जगमोहन और प्रमोद के नाम पर रजिस्टर्ड था। फोन का लोकेशन मंडोली जेल का आ रहा था। एसआई विकास यादव के नेतृत्व में पुलिस टीम ने दबिश देकर जगमोहन को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने बताया कि अपने चचेरे भाई प्रमोद के कहने पर 6 अगस्त को चार सिम खरीदे थे। पुलिस ने प्रमोद को गिरफ्तार कर लिया। प्रमोद हत्या के मामले में अंतरिम जमानत पर मंडोली जेल से बाहर निकला था। प्रमोद ने बताया कि जेल में उसकी मुलाकात हन्नी राजपाल से हुई। वह गीता कालोनी में हुई हत्या के मामले में जेल में बंद है। हन्नी ने उसके जेल में बाहर आने के बाद दस सिम कार्ड की व्यवस्था करने और उसे हेड जेल वार्डन राजेंद्र के जरिए जेल में पहुंचाने को कहा था। प्रमोद ने चार अपने व छह चचेरे भाई जगमोहन के नाम से सिम की व्यवस्था कर राजेंद्र को दिया। सिम पहुंचाने के एवज में राजेंद्र प्रति सिम दो हजार रुपये लिये। पुलिस ने छानबीन कर जेल वार्डन राजेंद्र, हन्नी और पीडि़तों को फोन कर धमकाने वाले विकास उर्फ पीके को गिरफ्तार कर लिया। विकास नंदू गैंग का सदस्य है और उसपर 17 आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस ने उसके कब्जे से एक फोन बरामद किया, जिससे उसने पीडि़त को व्हाट्सएप कॉल और मैसेज कर धमकाया था और उगाही मांगी थी। हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी-hindusthansamachar.in