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क्राइम

अस्पताल में एडमिट करने से किया इनकार, जिसके बाद गैर कोविड महिला की सड़क पर हुई मौत

Raftaar Desk - P2

पीलीभीत, 3 मई (आईएएनएस)। क्रोनिक रीनल बीमारी से पीड़ित एक 55 वर्षीय महिला सड़क पर गिर गई, जिसके बाद उसका शव घंटों तक फुटपाथ पर पड़ा रहा। महिला के पति के बार बार कॉल करने के बाद भी एम्बुलेंस हेल्पलाइन सेवा से उसे कोई मदद नहीं मिली। शुक्रवार को महिला लूंगश्री ने असहनीय दर्द की शिकायत की थी, जिसके बाद कासिमपुर गांव के रहने वाले किसान दंपति इलाज के लिए पीलीभीत शहर पहुंचे थे। महिला के पति बृजेश कुमार का कहना है कि चूंकि उसकी हालत बिगड़ रही थी, इसलिए मैं उसे अस्पताल ले आया लेकिन डॉक्टर ने उसकी जांच किए बिना भी कुछ दवाएं लिखीं। जब मैंने डॉक्टर को मेरी पत्नी को एडमिट करने के लिए कहा, तो उसने कहा कि वह उन दवाओं के साथ ठीक हो जाएगी जो उसने निर्धारित की थी और हमें वापस भेज दिया। अस्पताल के पास फुटपाथ पर आखिरकार लुंगश्री की मौत हो गई और उसके पति ने मदद के लिए एंबुलेंस हेल्पलाइन सेवा पर बार बार फोन किए लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला। पत्नी की मौत के करीब तीन घंटे बाद तक ब्रिजेश शव के साथ सड़क पर बैठा रहा। अदनान खान दोपहर में काम करने के बाद अपने घर जा रहा था। उसने लगभग शाम 5 बजे नौगावा पुल के पास बृजेश को अपनी पत्नी के शव के साथ वहा बैठा देखा। खान ने बताया कि वह परेशान दिख रहा था। जब मैंने उससे पूछा, तो उसने मुझे बताया कि उसकी पत्नी एक पुरानी गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थी और इलाज ना मिल पाने के कारण उसकी मृत्यु हो गई। बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा कि उसने एम्बुलेंस सेवा की हेल्पलाइन पर कई फोन किए, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। खान ने तब स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से मदद के लिए संपर्क किया, तब जाकर आखिरकार पुलिस से मदद मिली। सुंगड़ी पुलिस स्टेशन में तैनात सब इंस्पेक्टर अचल कुमार ने आखिरकार अपनी जेब से एक ऑटो रिक्शा की व्यवस्था की और शव को कासिमपुर गांव पहुंचवाया। --आईएएनएस एमएसबी/एएनएम