madurai-police-rescues-two-children-from-traffickers
madurai-police-rescues-two-children-from-traffickers 
क्राइम

मदुरै पुलिस ने दो बच्चों को तस्करों से छुड़ाया

Raftaar Desk - P2

चेन्नई, 1 जुलाई (आईएएनएस)। मदुरै पुलिस ने दो नि:संतान दंपतियों को कथित तौर पर एक प्रसिद्ध एनजीओ के निदेशक द्वारा बेचे गए दो बच्चों को छुड़ाया है। गैर सरकारी संगठन, इधायम ट्रस्ट के निदेशक जी.आर. शिवकुमार मदुरै में एक सम्मानित व्यक्ति हैं, जो बेसहारा और बेघरों की रक्षा के लिए काम कर रहे थे। पुलिस ने कथित तौर पर नकदी के लिए बच्चों को खरीदने वाले दो लोगों से एक वर्षीय मनिकम और दो वर्षीय धनम को बचाया। एनजीओ के जाने-माने निदेशक, इधायम ट्रस्ट, जी.आर. शिवकुमार और उनके सहयोगी माथेरशाह अभी फरार हैं। मदुरै के पुलिस आयुक्त प्रेम आनंद सिन्हा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, हमने पहले ही दो बच्चों को उन लोगों के चंगुल से बचा लिया है, जिन्होंने उन्हें खरीदा था। हालांकि, एनजीओ, इधायम ट्रस्ट के निदेशक, जीआर शिवकुमार और उनके सहयोगी मथरशर को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है। जो फरार हैं। हम उन्हें जल्द ही पकड़ लेंगे। मदुरै जिले के मेलूर के सेक्कीपट्टी के एक सामाजिक कार्यकर्ता अजरुद्दीन ने एक अनाथ महिला ईश्वर्या को सौंप दिया था, जिसने एक 65 वर्षीय व्यक्ति से शादी कर ली थी, उसने पहले उसे एक छोटी लड़की के रूप में गोद लिया था। जब उसके पति का निधन हो गया, तो ईश्वर्या को लोगों ने परेशान किया और अजरुद्दीन ने उन्हें इधायम ट्रस्ट में दे दिया। सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि उन्हें पता चला है कि बच्चा मनिकम 20 जून को अपनी मां ईश्वर्या से अलग हो गया था और बच्चे को कोविड -19 के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में वॉलेंटियर ने अजरुद्दीन को सूचित किया कि बच्चे का निधन हो गया है और उसे थानेरी कब्रिस्तान में दफनाया गया है। मां को शव देखने की इजाजत नहीं थी लेकिन कुछ कर्मकांड करने के लिए उन्हें कब्रिस्तान ले जाया गया। जांच का नेतृत्व करने वाले तल्लाकुलम के निरीक्षक सेल्वाकुमार ने कहा कि एनजीओ के एक कर्मचारी, कलाइवानी ने पूछताछ शुरू होने के दौरान अनभिज्ञता जताते हुए बच्चों के ठिकाने की जानकारी दी। एसआई ने कहा कि बाद में लगातार पूछताछ करने पर उसने सब उगल दिया। वॉलेंटियर्सो ने कुछ दस्तावेज दिखाए, जिसमें लड़के को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सरकारी राजाजी मेडिकल कॉलेज, मदुरै रेफर किया जा रहा था और साथ ही थाथानेरी कब्रिस्तान से एक अन्य दस्तावेज दिखाया गया था। बाद में दोनों दस्तावेज फर्जी निकले। जब अजरुद्दीन ने राजाजी मेडिकल कॉलेज से जांच की, तो उन्हें सूचित किया गया कि ऐसा कोई बच्चा वहां भर्ती नहीं है और फिर उन्होंने मामले की सूचना मदुरै के जिला कलेक्टर अनीश शेखर को दी, जिन्होंने तुरंत उसी की जांच के आदेश दिए और पुलिस ने दोनों बच्चों को छुड़ा लिया। प्रेम आनंद सिन्हा ने आईएएनएस को बताया, हम एनजीओ इधायम ट्रस्ट की गतिविधियों की गहन जांच करेंगे। स्थानीय लोग भी इस खबर से दंग रह गए कि बेहद सम्मानित एनजीओ इस तरह की हरकत में शामिल है। मदुरै की एक व्यवसायी मंजुला के. ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, मैंने एनजीओ को कई योगदान दिए थे क्योंकि मेरा मानना था कि वे अच्छा काम कर रहे हैं जो हम नहीं कर पा रहे हैं। यह एक वास्तविक सदमा है कि बच्चों की तस्करी से जुड़े एक मामले में बहुत सम्मानित निर्देशक शिवकुमार फरार हैं। पुलिस ने कहा कि मणिकम को मदुरै के एक जौहरी, कन्नन और उसकी पत्नी से इस्माइलपुरम से बचाया गया था, जबकि धनम को मदुरै के एक जोड़े अनीस रानी और सगुबर साथिक से बचाया गया था। पुलिस ने कहा कि दोनों जोड़ों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। --आईएएनएस एचके/आरजेएस