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क्राइम

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार का आदेश किया निरस्त

Raftaar Desk - P2

जोधपुर, 20 फरवरी (हि.स.)। प्रदेश में एक तृतीय श्रेणी शिक्षिका के लेवल-1 से लेवल-2 में तबादला करने के राज्य सरकार के आदेश को राजस्थान हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि स्थानानंतरण आदेश मस्तिष्क का उपयोग किए बगैर जारी कर दिया गया। हालांकि कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार चाहे तो शिक्षिका का तबादला कर सकती है लेकिन लेवल-1 में ही। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता यशपाल खि़लेरी ने रिट याचिका पेश कर बताया कि संस्कृत विभाग निदेशालय जयपुर ने 17 फरवरी 2004 को जारी नियुक्ति आदेश से याचिकाकर्ता कमला नेहरू नगर जोधपुर निवासी संतोष कुमारी वैष्णव को तृतीय श्रेणी सामान्य शिक्षक पद पर नियुक्त किया था। तब से वह अपनी संतोषजनक सेवाएं दे रही है। हाल ही में विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर यह निर्देशित किया कि अध्यापकों का लेवल निर्धारण उसके प्रारम्भिक नियुक्ति अनुसार ही रहेगा जिसके अनुसार भी निदेशालय ने याची को लेवल-1 की अध्यापक माना। इसके बावजूद उसका स्थानांतरण लेवल-2 मानते हुए कर दिया जो गलत है। याची को एक अन्य अध्यापक को एडजस्ट करने के लिए स्थानांतरित किया है। वहीं सरकार की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल कुमार गौड़ ने तर्क दिया कि राज्य सरकार चाहे तो शिक्षिका का तबादला किया जा सकता है। न्यायाधीश दिनेश मेहता ने दोनों पक्ष सुनने के पश्चात संतोष कुमारी का तबादला आदेश निरस्त कर दिया। हालांकि उन्होंने अपने आदेश में साफ लिखा है कि यदि सरकार चाहे तो इस शिक्षिका का तबादला कर सकती है लेकिन उसी लेवल-1 संवर्ग में। हिन्दुस्थान समाचार/सतीश / ईश्वर