क्राइम

नशे का कारोबार: नारकोटिक्स की नकेल, छह लाख की नशीली दवाइयां बरामद

Raftaar Desk - P2

जोधपुर, 09 जनवरी (हि.स.)। मारवाड़ में नशे के कारोबार में लोग अब अफीम, डोडा के विकल्प के रूप में नशीली गोलियां लेने लगे है। पुलिस और खुफियातंत्र मादक पदार्थ तस्करी रोकने लगे है। मगर उसके विकल्प के रूप में नशीली गोलियां आने लगी है। शनिवार को नारकोटिक्स विभाग ने नशीली गोलियां बरामद की है। गोलियां अनुमानित तौर पर छह लाख की बताई जाती है। विभाग ने शनिवार को जोधपुर में एक मेडिकल स्टोर पर छापा मार नशे के विकल्प के रूप में काम ली जाने वाली छह लाख से अधिक टेबलेट्स बरामद की है। विभाग के संयुक्त निदेशक उगमदान चारण ने बताया कि सूत्रों से मिले इनपुट्स के आधार पर सरदारपुरा में स्थित रिट्समा फार्मास्यूटिकल प्राइवेट लिमिटेड के यहां छापा मारा गया। यहां से टरमाडोल(ट्रामोकान) की 2.05 लाख, टरमाडोल(थ्रीकेयर) की 58,200, अल्प्राजोलम की 2.74 लाख नेट्रीजिपॉम की 73,800 टेबलेट्स बरामद की गई। इसके अलावा1920 बोटल कोडिन फास्फेट की भी बरामद की गई। इस फर्म के संचालक ने बताया कि यह सारी टेबलेट्स गुजरात से जोधपुर लाई गई। ग्रामीण एरिया में बढ़ता कारोबार: इससे पहले भी मारवाड़ में नशीली दवाओं को बड़ी मात्रा में बरामद किया जा चुका है, लेकिन इनके कारोबार पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। सरकार की ओर से डोडा पोस्त की दुकानों को बंद कर देने के बाद अफीम व डोडा पोस्त की तस्करी बढ़ गई थी, लेकिन इन पर नके ल कसने के बाद अब नशीली टेबलेट्स का कारोबार तेजी से पनपने लगा है। अफीम व स्मैक का नशा करने वाले लोग इनके विकल्प के रूप में इन टेबलेट्स का सेवन करते है। इन सभी दवाओं को डॉक्टर की पर्ची के बगैर बेचना अपराध है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में कई स्थान पर ये किराणा स्टोर पर भी आसानी से उपलब्ध हो जाती है। हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/संदीप-hindusthansamachar.in