सोने का हिसाब रखने गोल्ड एमनेस्टी स्कीम पर विचार कर रही सरकार, इससे टैक्स चोरी और मेटल आयात कटौती में मिलेगी मदद
सोने का हिसाब रखने गोल्ड एमनेस्टी स्कीम पर विचार कर रही सरकार, इससे टैक्स चोरी और मेटल आयात कटौती में मिलेगी मदद 
बाज़ार

सोने का हिसाब रखने गोल्ड एमनेस्टी स्कीम पर विचार कर रही सरकार, इससे टैक्स चोरी और मेटल आयात कटौती में मिलेगी मदद

Raftaar Desk - P2

भारत सरकार ब्लैकमनी को गोल्ड में बदलने वालों के लिए गोल्ड एमनेस्टी स्कीम पर विचार कर रही है। वित्त मंत्रालय में इस मामले से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस स्कीम की मदद से सरकार टैक्स चोरी और सोने के आयात में कटौती करना चाहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिए गए प्रस्ताव के तहत, सरकार की योजना है कि मेटल की बेहिसाब होल्डिंग्स वाले लोगों से इसे टैक्स अधिकारियों को घोषित करने के लिए कहा जाए। यानी ग्राहकों को घर में रखे सोने की जानकारी देनी होगी। अभी प्रस्ताव प्रारंभिक स्तर पर है और संबंधित अधिकारियों से इस पर प्रतिक्रिया ली जा रही है। वित्त मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जो उपभोक्ता अपनी जमाखोरी की घोषणा करते हैं, उन्हें कुछ सालों के लिए वैध सोना सरकार के पास जमा करना होगा। देश के शीर्ष न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि भारतीयों को आलोचना के बाद पूर्ण माफी का दावा नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसे कार्यक्रम ईमानदार टैक्सपेयर को दंडित करते हैं। इस साल सोने के भाव में लगभग 30% की रिकॉर्ड बढ़त देखने को मिली है, क्योंकि कोविड-19 महामारी के बीच कमजोर डॉलर और कम ब्याज दरों के चलते गोल्ड की डिमांड बढ़ गई है। गोल्डमैन सैश ग्रुप इंक ने अपने 12 महीने के पूर्वानुमान में सोने के लिए 2000 डॉलर प्रति औंस से बढ़ाकर 2300 डॉलर प्रति औंस कर दिया। अक्टूबर 2019 में आईं थी गोल्ड एमनेस्टी स्कीम की खबरें बीते साल अक्टूबर में भी गोल्ड एमनेस्टी स्कीम की खबरें मीडिया में तेजी से फैली थीं। खबरों में कहा गया था कि मोदी सरकार को घर में रखे सोने की जानकारी देनी होगी। साथ ही एक तय मात्रा से ज्यादा सोना घर में नहीं रख सकेंगे। हालांकि बाद में सरकार ने इस खबर को खारिज कर दिया था।-newsindialive.in