ताकि किसी मेधावी छात्र की पढाई के आड़े न आ सके गरीबी, गया के आशुतोष ने बना डाला स्टार्टअप
ताकि किसी मेधावी छात्र की पढाई के आड़े न आ सके गरीबी, गया के आशुतोष ने बना डाला स्टार्टअप 
बाज़ार

ताकि किसी मेधावी छात्र की पढाई के आड़े न आ सके गरीबी, गया के आशुतोष ने बना डाला स्टार्टअप

Raftaar Desk - P2

घर में इतने पैसे नहीं थे कि हम चारों भाइयों की पढाई सीबीएसई स्कूल में हो पाती। सिर्फ मेरा नामांकन सरस्वती विद्या मंदिर, सिंदरी में कराया गया। 2002 में आईआईटी जेईई क्वालीफाई करके मरीन इंजीनियरिंग किया। 2010 में जब में एमबीए कर रहा था, तब पहली बार, शिक्षा के लिए क्लिक »-newsindialive.in