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केंद्रीय बजट: कैपेक्स, इंफ्रा, एमएसएमई और इलेक्ट्रिक वाहनों को रियायत

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय बजट में पूंजीगत व्यय के परिव्यय को 35 प्रतिशत बढ़ाकर 5.5 लाख करोड़ रुपये से 7.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो वित्त वर्ष 2020 के स्तर से दोगुने से भी अधिक है। एक्यूइट रेटिंग्स ने कहा कि यह निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में रोजगार पैदा करना जारी रखेगा। बुनियादी ढांचे के तहत पहल को बड़े पैमाने पर पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान के तहत समूहीकृत किया गया है। माल और लोगों की तेज आवाजाही पर जोर स्पष्ट रूप से आपूर्ति बाधाओं को कम करने और निर्यात प्रतिस्पर्धा में सुधार पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा। इसमें कहा गया है कि कार्गो टर्मिनलों, लॉजिस्टिक पार्कों, रेलवे के आधुनिकीकरण और महत्वपूर्ण रूप से परिवहन प्रणालियों के बीच एकीकरण में निवेश उल्लेखनीय है। सरकार स्वच्छ ऊर्जा और ईवी के बढ़ते उपयोग को जारी रखे हुए है। सार्वजनिक परिवहन में तेजी से ईवी का अधिक उपयोग होगा। इसके अलावा, बैटरी स्वैपिंग के लिए एक नीति विकसित की जाएगी, जो मानकीकरण सुनिश्चित करेगी और चाजिर्ंग बुनियादी ढांचे को बढ़ाएगी। महामारी की लगातार आ रही लहरों के कारण एमएसएमई तनाव में बने हुए हैं, जिसने न केवल उनके संचालन को बाधित किया है, बल्कि विशेष रूप से सेवाओं में मांग को भी प्रभावित किया है। एक्यूइट रेटिंग्स ने कहा कि ईसीएलजीएस योजना का 5.0 लाख करोड़ रुपये तक विस्तार एमएसएमई क्षेत्र को और अधिक नकदी या लिक्विडिटी राहत प्रदान करने के लिए सही दिशा में एक कदम है। इसके अलावा, सीजीटीएमएसई क्रेडिट गारंटी फंड को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए योजना की घोषणा की गई है। --आईएएनएस एकेके/आरजेएस