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पीएमसी बैंक धोखाधड़ी : राकेश वधावन की जमानत याचिका पर विचार करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 3 दिसम्बर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को करोड़ों रुपये के पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक (पीएमसी) धोखाधड़ी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जेल में बंद राकेश वधावन की चिकित्सकीय आधार पर दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत एवं न्यायमूर्ति हिमा कोहली के साथ ही प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से संबंधित उच्च न्यायालय से राहत मांगने को कहा। याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि उच्च न्यायालय ने उनके मुवक्किल को राहत देने से इनकार कर दिया है। इस पीठ ने कहा, कुछ समय बाद दायर कीजिए। अभी नहीं। ठीक है, आपको उच्च न्यायालय में जाने के लिए याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाती है। रोहतगी ने आरोपी की चिकित्सा स्थिति का हवाला दिया और पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि उनका मुवक्किल काफी समय से जेल में है। पीठ ने वकील को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता के साथ जमानत याचिका वापस लेने की अनुमति दी। 14 अक्टूबर को, बॉम्बे हाईकोर्ट ने वधावन को जमानत देने से इनकार कर दिया था, जो हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्च र लिमिटेड (एचडीआईएल) के संस्थापक हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें मामले में 2019 में गिरफ्तार किया था। उच्च न्यायालय ने उल्लेख किया था कि चिकित्सा जमानत से इनकार करना किसी भी तरह से उनके जीवन के मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं है। अदालत ने कहा कि जब भी आवश्यक पड़ी है, राज्य जेल अधिकारियों द्वारा उन्हें पर्याप्त चिकित्सा उपचार प्रदान किया गया है। सितंबर 2019 में, भारतीय रिजर्व बैंक ने धोखाधड़ी का पता लगाया कि बैंक ने लगभग दिवालिया एचडीआईएल को दिए गए 4,355 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण को छिपाने के लिए कथित तौर पर फर्जी खाते बनाए थे। --आईएएनएस एकेके/एएनएम