GST Council Council
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सरकार के इस फैसले से ऑनलाइन गेम खेलने वालों को लगा झटका, गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को बड़ी राहत

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क/हि.स.। लोगों को राहत देते हुए मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए फैसले से लाखों लोगों को सीधा फायदा होगा। खासकर गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को इससे काफी राहत मिलेगी। जीएसटी परिषद की बैठक में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के अलावा दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे लोगों को इसका सीधा फायदा देने की पहल की गई है। इन बीमारी के दवाओं को जीएसटी टैक्स से छूट दे दी है।

क्या हुआ बदलाव

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग, घुड़सवारी और कसीनो पर 28 फीसदी टैक्स लगाने की मंजूरी दे दी है। पहले इस पर 18 फीसदी जीएसटी थी। इसके साथ ही जीएसटी परिषद ने कैंसर से लड़ने वाली दवाओं, दुर्लभ बीमारियों की दवाओं को जीएसटी टैक्स से छूट दी है।

जीएसटी परिषद की बैठक में वित्त मंत्री ने दी जानकारी

जीएसटी परिषद की 50वीं बैठक के बाद यहां आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। सीतारमण ने मीडिया को बताया कि चार सामानों पर जीएसटी की दरों में कटौती का फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि बैठक में जीएसटी परिषद ने कैंसर से संबंधित दवाओं, दुर्लभ बीमारियों की दवाओं और विशेष चिकित्सा उद्देश्यों के लिए खाद्य उत्पादों को जीएसटी टैक्स से छूट दी है। जीएसटी परिषद ने अपीलीय न्यायाधिकरणों के गठन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।

ऑनलाइन गेमिंग और कसीनो पर 28 फीसदी टैक्स

सीतारमण ने कहा कि हमने निजी संगठनों द्वारा प्रदान की जाने वाली उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं के लिए जीएसटी पर छूट की पेशकश की है। ऑनलाइन गेमिंग और कसीनो पर 28 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा। साथ ही उन पर पूर्ण अंकित मूल्य पर टैक्स लगेगा। इसके अलावा जीएसटी परिषद की बैठक में कच्चे एवं बिना तले हुए एक्सट्रूडेड स्नैक पैलेट पर जीएसटी की दरें 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है। मछली में घुलनशील पेस्ट पर दरें 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी की गई है जबकि नकली जरी धागों पर जीएसटी दरें 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी की गई है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में यहां हुई जीएसटी परिषद की बैठक में सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।