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मध्‍य प्रदेश: शहरी पथ व्यवसायियों पर सरकार मेहरबान, दिया 313 करोड़ रुपये का ब्याजमुक्त ऋण

Raftaar Desk - P2

भोपाल, 29 अप्रैल (हि.स.)। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार समाज के हर तबके के लिए कोई ना कोई योजना बनाकर काम कर रही है। सरकार ने शहरी पथ व्यवसायियों को ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराते हुए प्रदेश में अब तक तीन लाख 13 हज़ार पथ व्यवसायियों को 313 करोड़ रुपए की ऋण राशि वितरित कर दी है। प्रदेश सूचना कार्यालय के वरिष्ठ सूचना अधिकारी राजेश पाण्डेय ने गुरुवार बताया कि पीएम स्व-निधि योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी राज्यों में से एक है। प्रदेश में कुल छह लाख 10 हजार सत्यापित पथ व्यवसायियों में से लगभग चार लाख 81 हजार के आवेदन बैंक में लगाए जा चुके हैं। इसमें से अब तक तीन लाख 44 हजार पथ व्यवसायियों को ऋण भी स्वीकृत किया गया है। सरकार का प्रयास है कि इस कोरोनाकाल में भी सभी का परिवार आवश्यक संसाधनों की पूर्ति करते हुए आराम से चल सके, इसी सोच को ध्यान में रखकर अब तक तीन लाख 13 हज़ार पथ व्यवसायियों को 313 करोड़ रुपए की ऋण राशि वितरित करवाई जा चुकी है। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 30 अप्रैल को प्रदेश के तीन लाख 10 हजार शहरी पथ व्यवसायियों के बैंक खाते में एक-एक हजार रुपए की अनुदान राशि भी कोरोना काल को देखते हुए देने जा रहे हैं। लगभग 61 करोड़ रुपए डीबीटी के माध्यम से पथ व्यवसायियों के खाते में डाले जाएंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए विभिन्न जिलों में लगे कोरोना कर्फ्यू के कारण पथ व्यवसायियों की आजीविका प्रभावित हो रही है। इसी परिप्रेक्ष्य में शहरी पथ व्यवसायियों को राहत पहुँचाने के लिए इन्हें अनुदान देने का निर्णय लिया गया है। उल्लेखनीय है की कोविड-19 के संबंध में शहरी पथ व्यवसायियों को रोजगार से पुनः जोड़ने के लिए एवं आजीविका के साधन उपलब्ध कराने हेतु भारत सरकार द्वारा आत्म-निर्भर फेस-2 में पीएम स्व-निधि योजना एक जुलाई 2020 को शुरू की गई थी। इस योजना में पथ व्यवसायियों को 10 हजार का ऋण उपलब्ध कराया जाता है। योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा 7% का ब्याज अनुदान दिया जाता है। डिजिटल ट्रांजेक्शन करने पर प्रति वर्ष 2000 रुपये तक की सीमा की कार्यशील पूँजी के ऋण का प्रावधान भी है। मध्यप्रदेश द्वारा शेष ब्याज का अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अंतर्गत 31 मार्च 2021 तक लगभग एक करोड़ रुपए की ब्याज अनुदान राशि बैंकों को दी जा चुकी है। हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. मयंक चतुर्वेदी