kharif-sowing-gains-momentum-rabi-also-gets-relief
kharif-sowing-gains-momentum-rabi-also-gets-relief 
बाज़ार

खरीफ की बुवाई ने पकड़ी रफ्तार, रबी के मोर्चे पर भी राहत

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 30 मार्च (हि.स.)। कोरोना संक्रमण के कारण एक ओर तो अर्थव्यवस्था पर खतरा मंडराता हुआ नजर आ रहा है, दूसरी ओर कृषि क्षेत्र से उत्साहवर्धक खबरें भी आ रही हैं। मार्च के महीने में खरीफ फसलों की बुवाई की रफ्तार तेज पकड़ने लगी है। इस मौसम में अभी तक 56.5 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में बुवाई की जा चुकी है। कृषि मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों बताया गया है कि गर्मियों की फसल के लिए पूरी रफ्तार में बुवाई का काम चल रहा है। इसके आधार पर खरीफ सीजन के लिए बुवाई की प्रगति को संतोषजनक से ज्यादा बेहतर स्थिति में कहा जा सकता है। वहीं रबी की फसल भी अभी तक ओवरऑल अच्छे संकेत दे रही है। मंत्रालय के मुताबिक 26 मार्च तक देश भर में लगभग 48 फीसदी रबी फसलों की कटाई हो चुकी है, जबकि अगले बीस दिनों में शेष फसल के भी कट जाने की उम्मीद जताई गई है। मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि गर्मियों में बुवाई की प्रगति काफी अच्छी रही है। खरीफ फसलों की बुवाई पर कोरोना महामारी का अभी तक कोई असर पड़ता हुआ नहीं दिख रहा है। 2021-22 के खरीफ सीजन के लिए अभी तक 36.87 हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में धान की बुवाई हो चुकी है। तुलनात्मक रूप से देखें तो अभी तक पिछले साल की तुलना में 5.25 लाख हेक्टेयर ज्यादा कृषि भूमि में धान की बुवाई हो चुकी है। पिछले साल इस अवधि में 31.62 लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में धान की बुवाई हुई थी। अभी तक ओडिशा, असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कुछ अन्य राज्यों में धान की बुवाई का काम शुरू हो गया है। इसी तरह मूंगफली जैसे तिलहन की खेती का दायरा इस सीजन में लगभग 29 हजार हेक्टेयर बढ़कर 7.2 लाख हेक्टेयर हो गया है। पिछले साल मूंगफली की खेती का दायरा 6.91 लाख हेक्टेयर था। वहीं दलहन के मामले में भी उत्साहजनक संकेत मिल रहे हैं। इस साल दलहन की बुवाई 5.53 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है, जबकि पिछले साल इस आलोच्य अवधि में 3.58 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुवाई हुई थी। कृषि मंत्रालय की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक मोटे अनाजों का रकबा भी इस साल लगभग 7 हजार हेक्टेयर बढ़ गया है। पिछले साल 6.72 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में मोटे अनाज की बुवाई हुई थी, जो इस साल अभी तक बढ़कर 6.89 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है। हिन्दुस्थान समाचार/योगिता/सुनीत