MPC की अगली बैठक में RBI ग्रोथ की जगह महंगाई दर पर करे फोकस: पूर्व डिप्टी गवर्नर आचार्य
MPC की अगली बैठक में RBI ग्रोथ की जगह महंगाई दर पर करे फोकस: पूर्व डिप्टी गवर्नर आचार्य 
बाज़ार

MPC की अगली बैठक में RBI ग्रोथ की जगह महंगाई दर पर करे फोकस: पूर्व डिप्टी गवर्नर आचार्य

Raftaar Desk - P2

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व डिप्टी-गवर्नर विरल आचार्य ने कहा कि मुद्रास्फीति यानी महंगाई दर उम्मीद से अधिक है और मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) को अगले सप्ताह नीतिगत समीक्षा बैठक में कीमतों को नियंत्रित करने पर ध्यान देना चाहिए. आचार्य की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब ऐसा कहा जा रहा है कि भले ही प्रमुख मुद्रास्फीति की दर जून में 6 फीसदी के स्तर को पार कर गई हो, फिर भी आर्थिक सुधार को बढ़ावा देने के लिए दरों में आगे और कटौती हो सकती है. छह फीसदी की मुद्रास्फीति दर आरबीआई की सहज स्थिति से अधिक है. आरबीआई ने मध्यम अवधि में महंगाई दर को चार फीसदी के स्तर पर रखने का लक्ष्य तय किया है, हालांकि इसमें दो फीसदी कम-ज्यादा होने की गुंजाइश है. हालांकि, कई विश्लेषकों ने आर्थिक वृद्धि के लिए दर में 0.25 फीसदी की कटौती का अनुमान जताया है, जबकि कुछ का कहना है कि महंगाई के चलते हो सकता है इस बार आरबीआई कोई बदलाव न करे. आचार्य ने भवन के एसपीजेआईएमआर द्वारा आयोजित एक वार्ता के दौरान कहा, ‘‘मेरे विचार में, एमपीसी को इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए कि आपके पास एक वैधानिक जिम्मेदारी है. आप पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति की प्रमुख लक्षित दर (खुदरा महंगाई दर) को चार फीसदी के दायरे में बनाए रखने की जिम्मेदारी है.’’ हाल के फैसलों में ग्रोथ हावी रही: आचार्य उन्होंने कहा कि हाल के फैसलों में ग्रोथ हावी रही है, लेकिन वह मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के लिए महज एक दोयम उद्देश्य है. उन्होंने इसे आरबीआई और सरकार के बीच एक समझौते की संज्ञा दी. उन्होंने कहा, ‘‘आप अपनी वैधानिक जिम्मेदारी की प्रधानता को नहीं बदल सकते, जो आपको दी गई है. आपको इसका सम्मान करना होगा. यही लोकतांत्रिक जवाबदेही है.’’ उन्होंने कहा कि मौजूदा महंगाई दर ज्यादातर लोगों की उम्मीद से अधिक है.-newsindialive.in