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आम लोगों की उम्मीदों पर फिरा पानी, RBI ने दिया बड़ा झटका

नई दिल्ली, रफ्तार। नए साल में आम लोगों को एक और झटका लगा है। पहले बजट में कोई खास राहत नहीं मिली और अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने साल 2024 की पहली मौद्रिक नीति का ऐलान किया है। इसमें रेपो रेट में बदलाव नहीं किया गया। आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा के फैसलों के तहत रेपो रेट नहीं कम किया। इस तरह रेपो रेट 6.50 फीसदी पर ही है। वहीं, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक रेट (Bank Rate) 6.75 फीसदी पर बरकरार रखा है।

ईएमआई में राहत मिलने की संभावना नहीं

आरबीआई गवर्नर ने बैंक की क्रेडिट पॉलिसी के बाद के संबोधन में इसका ऐलान किया है। मतलब है लोन की ईएमआई में राहत मिलने के आसार नहीं हैं। 6 फरवरी से यह मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुरू हुई थी और बुधवार को पूरी हुई। आरबीआई ने इस समीक्षा में क्रेडिट पॉलिसी के तहत 'विड्रॉल ऑफ अकोमोडेशन' का रुख कायम रखा है। आरबीआई गवर्नर के संबोधन में कहा गया कि ग्रामीण मांग में सुधार और इंडस्ट्री के मोर्चे पर मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर से अच्छे आंकड़े देखे जा रहे हैं।

आरबीआई गवर्नर के संबोधन में क्या खास?

शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई की एमपीसी ने महंगाई दर के लक्ष्य को 4 फीसदी पर कायम रखा है। इसे इस साल और घटाने पर फोकस किया जा रहा है। दिसंबर 2023 में कोर महंगाई दर 3.8 फीसदी पर आई थी, जो इसका 4 साल का निचला स्तर है। वित्त वर्ष 2024 के लिए रिटेल महंगाई दर का अनुमान 5.4 फीसदी रखा गया है, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 में सीपीई यानी कोर महंगाई दर के 4.5 फीसदी पर रहने का अनुमान है। इसके 4 फीसदी के आरबीआई के लक्ष्य में रहने का इंतजार है।

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