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Business News :- जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग बैंक (जेबीआईसी) को भारत में निवेश का आमंत्रण

नई दिल्ली , 17 अगस्त - रफ़्तार डेस्क : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग बैंक (जेबीआईसी) को भारत में निवेश अवसरों का लाभ उठाने के लिए राष्ट्रीय निवेश एवं अवसंरचना कोष (एनआईआईएफ) और एक्जिम बैंक जैसे वित्तीय संस्थानों के साथ सक्रिय साझेदारी के लिए आमंत्रित किया।

वित्त मंत्रालय ने ट्विटर पर एक पोस्ट के माध्यम से बताया कि निर्मला सीतारमण ने जेबीआईसी के गवर्नर हयाशी नोबिमित्शु के साथ एक बैठक के दौरान नई दिल्ली में भारत में निवेश बढ़ाने के मामले पर चर्चा की। दोनों पक्षों ने आगामी पांच वर्षों में भारत में जापानी निवेश को बढ़ाकर पांच ट्रिलियन येन तक पहुँचाने के संबंध में भी बातचीत की।

इस बैठक में वित्त मंत्री ने यह बताया कि भारत जेबीआईसी के निवेश के प्रति सबसे आकर्षक गंतव्यों में से एक मानता है। उन्होंने एक्जिम बैंक, एनआईआईएफ जैसे वित्तीय संस्थानों के साथ संबंध बढ़ाने और बैंकों को कर्ज देने के लिए जेबीआईसी को प्रोत्साहित किया। सीतारमण ने पीएम-गतिशक्ति जैसे कई सरकारी अभियानों से भी नोबिमित्शु को अवगत किया। उन्होंने जेबीआईसी से भारत में समुद्री खाद्य उत्पादों के प्रसंस्करण, लॉजिस्टिक, परिवहन, कृत्रिम मेधा और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में निवेश करने की भी अपील की।

इस दौरान, जेबीआईसी के गवर्नर ने यह कहा कि वे भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग के अधिक अवसरों की खोज में हैं। उन्होंने पीएलआई योजनाओं और राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) जैसे विभिन्न उपकरणों के माध्यम से निवेश की सुविधा प्रदान करने की दिशा में भारत सरकार की पहल की सराहना की।

यह बैठक ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान हुई, जो भारत और जापान के बीच बढ़ते आर्थिक सहयोग को प्रमोट करता है। इस सम्मेलन के माध्यम से दोनों देश व्यापारिक और निवेश सहयोग के क्षेत्र में आगे बढ़ने का प्रायोजन करते हैं। भारत एक उभरते हुए बाजार में बड़ी गतिविधियों के साथ है और जापान के लिए यह एक शानदार अवसर है कि वह भारत में निवेश करके अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे।

निवेश के कुछ संभावित क्षेत्रों में शामिल हैं:

बुनियादी ढांचा: भारत में सड़कों, रेलवे, हवाई अड्डों, और बंदरगाहों में निवेश की आवश्यकता है। ऊर्जा: भारत में नवीकरणीय ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा में निवेश की आवश्यकता है। विनिर्माण: ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, और दवाइयां जैसे विनिर्माण क्षेत्र में निवेश की आवश्यकता है। सेवा क्षेत्र: बैंकिंग, बीमा, और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे सेवा क्षेत्र में भी निवेश की आवश्यकता है।

भारत में जापान के निवेश का यह प्रस्ताव उच्च महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों देशों के बीच सहयोग से आर्थिक संबंध मजबूत हो सकते हैं और दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को वृद्धि की दिशा में मदद मिल सकती है।

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