ईपीएफओ।
ईपीएफओ। रफ़्तार।
बाज़ार

EPFO में नॉमिनी अपडेट करने के फायदे ही फायदे, जानें पूरी प्रक्रिया

नई दिल्ली, रफ्तार। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO)के जरिए करोड़ों नौकरीपेशा लोगों को सोशल सिक्योरिटी का लाभ मिलता है। आप ईपीएफओ खाते में जमा राशि को रिटायरमेंट के बाद या किसी इमरजेंसी में इस्तेमाल कर सकते हैं। ईपीएफओ अक्सर अपने खाताधारकों को ई-नॉमिनेशन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहता है। बिना नॉमिनेशन ईपीएफ खाते से जुड़ी कई योजनाओं का लाभ उठाने में दिक्कतें आती हैं। हम ई-नॉमिनेशन के फायदे और इसकी प्रक्रिया बता रहे हैं।

ई-नॉमिनेशन के फायदे

बिना ई-नॉमिनेशन के खाताधारक की मौत होने पर पीड़ित परिवार को ऑनलाइन क्लेम सेटलमेंट करने में आसानी रहती है। साथ ही पीएफ (PF), पेंशन (Pension) और बीमा (EDLI) जैसी सोशल सिक्योरिटी स्कीम का लाभ उठाने में भी सहूलियत होती है।

घर बैठे कर सकते हैं ई-नॉमिनेशन

1. ईपीएफओ की ई-नॉमिनेशन की प्रक्रिया पूरी करने को सबसे पहले इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

2. इसके बाद For Employees के विकल्प को चुनें।

3. अब UAN या ऑनलाइन सर्विस विकल्प का चुनाव करें।

4. इसके बाद UAN नंबर और पासवर्ड दर्ज कर ईपीएफओ में लॉगिन कर लें।

5. फिर मैनेज सेक्शन में जाकर ई-नॉमिनेशन पर क्लिक करना है।

6. आपके नॉमिनी का नाम, फोटो आर मांगी गईं बाकी जानकारियां दर्ज कर सेव बटन पर क्लिक करें।

7. फैमिली डिटेल्स सेव करने को 'हां' पर क्लिक कर दें।

8. एक से अधिक नॉमिनी जोड़ना चाहते हैं तो Add New Button पर क्लिक करें।

9. एक से अधिक नॉमिनी जोड़ने की स्थिति में सभी नॉमिनी के शेयर को तय कर लें। सेव ईपीएफओ नॉमिनेशन पर क्लिक करें।

10. अंत में ओटीपी जनरेट करने के लिए ई-साइन पर क्लिक करें।

11. आपके आधार पर लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा, जिसे सत्यापित कर सब्मिट कर दें।

12. इस तरह ई-नॉमिनी की प्रक्रिया ईपीएफओ में पूरी होगी।

नॉमिनी न होने के नुकसान

कोई खाताधारक ईपीएफ में अपने नॉमिनी का नाम नहीं जुड़वाता है तो उसे कई नुकसान हो सकते हैं। किसी खाताधारक की दुर्भाग्यवश मौत हो की स्थिति में परिवार को ईपीएफओ में जमा राशि को निकालने में दिक्कतें हो सकती हैं। व्यक्ति के सभी उत्तराधिकारी को सर्टिफिकेट जमा करने के बाद खाते में जमा राशि मिल पाएगी। जो बेहद लंबी होगी।

खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in