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भाजपा ने गठबंधन में शामिल आईपीएफटी को सुनाई जमकर खरीखोटी

Raftaar Desk - P2

अगरतला, 26 फरवरी (हि.स.)। इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट आफ तिपरा (आईपीएफटी) को गठबंधन धर्म को बनाए रखते हुए त्रिपुरा ट्राइबल एरिया ऑटोनोमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (टीटीएएडीसी) चुनावों के संबंध में भाजपा के साथ बैठक के लिए आईपीएफटी को पहल करनी होगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि, आईपीएफटी ने त्रिपुरा में सत्तारूढ़ गठबंधन को पहले ही विभाजित करते हुए दूसरी पार्टी से हाथ मिला लिया है। परिणामस्वरूप, गठबंधन में बने रहना है या नहीं, यह अब आईपीएफटी को तय करना है। ये बातें त्रिपुरा के प्रदेश भाजपा प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्य ने शुक्रवार की शाम आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। भाजपा नेता ने आईपीएफटी को इस दौरान जमकर खरीखोटी सुनाई। दोनों पार्टियों में बढ़ रही तल्खी से यह स्पष्ट हो गया है कि गठबंधन में संभवतः दरार आ गयी है। आईपीएफटी की हालिया भूमिका पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, गठबंधन हमारा लक्ष्य नहीं है। त्रिपुरा सरकार के विकास कार्यों की सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए एडीसी को अनुकूल माहौल की जरूरत है। आईपीएफटी के महासचिव और जनजाति कल्याण मंत्री मेंबर कुमार जमातिया पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सरकार के कामकाज से असंतुष्ट हैं, उन्हें भी इसका जबाब देना होगा। भाजपा प्रवक्ता ने कहा, भाजपा के 10 जनजाति विधायकों और एक सांसद ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखा था कि पहाड़ी चुनावों में किसी भी परिस्थिति में आईपीएफटी के साथ गठबंधन न करें। बावजूद भाजपा अभी भी आईपीएफटी के साथ गठबंधन में हैं। एडीसी चुनाव को लेकर उनके साथ बैठक हुई है। हालांकि, वे बैठक में बार-बार निमंत्रण के बावजूद उपस्थित नहीं हुए। मीडिया के जरिए पता चला है कि आईपीएफटी ने गठबंधन धर्म को तोड़ते हुए दूसरी पार्टी से हाथ मिला लिया है। इस संबंध में भाजपा ने गठबंधन के विषय पर उपयुक्त समय पर फैसला लेगी। भाजपा एडीसी चुनाव अकेले लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। भाजपा नेता ने कहा एडीसी को लोगों के लिए त्रिपुरा सरकार द्वारा लिए गए विभिन्न कल्याणकारी फैसलों से अवगत कराने के लिए अनुकूल माहौल की सख्त जरूरत है। साथ ही आईपीएफटी के दोनों नेताओं पर तिखा हमला करते हुए कहा, त्रिपुरा कैबिनेट में महत्वपूर्ण पद संभाल रहे हैं। परिणामस्वरूप, उन्हें सरकारी कार्यों के प्रति असंतोष के लिए जवाबदेह ठहराया जाता है। उनकी यह जिम्मेदारी है कि वे यह पता लगाएं कि मुश्किलें कहां हैं और लोगों को सूचित करें। उन्होंने कहा, ग्रेटर तिपरालैंड की मांग असल में लोगों के बीच घृणा फैलाने के लिए उठाया जा रहा है। साथ ही कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा भविष्य में शहर और नगर निकायों के चुनाव भी अकेले लड़ने के लिए तैयार है। हिन्दुस्थान समाचार /संदीप/ अरविंद