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अरुणाचल में एयर गन आत्मसमर्पण अभियान लॉन्च

Raftaar Desk - P2

इटानगर, 18 मार्च (हि.स.)। वन्य जीवों को बचाने और रक्षा के इरादे से अरुणाचल प्रदेश के ईस्ट कामेंग जिला के लुमडुंग गांव में बुधवार को "अरुणाचल एयर गन आत्मसमर्पण अभियान" को लॉन्च किया गया। पर्यावरण और वन विभाग के समर्थन से देबयार सामाजिक-सांस्कृतिक कल्याण संगठन द्वारा आयोजित इस अभियान को राज्य के पर्यावरण और वन मंत्री मामा नातुंग ने पर्यावरण और वन मंत्री के सलाहकार कुम्सी सिदिसो, पीसीसीएफ सह पर्यावरण और वन विभाग के प्रधान सचिव आरके सिंह, ईस्ट कामेंग जिला के उपायुक्त पी अभिषेक पोलुमतला समेत कई अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में लॉन्च किया। इस अवसर पर जिला की जनता द्वारा 47 एयर गन को सौंपा गया। साथ ही राजो ग्याडी ने दो जंगली कुत्तों को वन विभाग को सौंपा। सभा को संबोधित करते हुए मंत्री मामा नातुंग ने कहा, हमारे लोगों को पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हालांकि, राज्य में विशाल जंगल हैं, लेकिन धीरे-धीरे हमारे जंगली जानवर और पक्षी खतरे में हैं। क्योंकि, हमारे ही लोग जंगली जानवरों का शिकार कर रहे हैं। इसलिए हम लोगों को विशेष रूप से ग्रामीणों पर्यावरण और वन्यजीवों के बीच अंतर संबंध पर जागरूकता फैलानी होगी। क्योंकि, हमारे लोगों को जंगली जानवरों और पक्षियों के मूल्यों के बारे में कुछ खास पता नहीं है। अगर क्षेत्र में कोई पशु और पक्षी नहीं होंगे तो मानव जीवन और पर्यावरण पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ेगा। हमें वैश्विक पारिस्थितिक असंतुलन के लिए सोचना होगा। उन्होंने कहा, यदि निकट भविष्य में जंगली जानवरों की हत्या जारी रहेगी तो हमारे बच्चे वास्तविक जंगली जानवर नहीं देख पाएंगे। इसलिए आज हमने अपने घरों से इस कदम की शुरुआत की है। हमने यहां पर यह अभियान किया और पूरे राज्य में इसे फैलाया जाएगा। उन्होंने उन सभी का आभार व्यक्त किया जिन्होंने अपने एयर गन को वन विभाग को सौंप दिया। उन्होंने कहा, आज से निर्दोष जंगली जानवर और पक्षियों को नहीं मारने का वादा ग्रामीणों द्वारा किया जाना बेहद शानदार कदम है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि एयर गन जमा कराने वाले लोगों की क्षतिपूर्ति के बारे में विभाग के साथ चर्चा करेंगे। इसके अलावा मंत्री ने ईस्ट कामेंग जिला के उपायुक्त को निर्देश दिया कि वे जिला की बंदूक की दुकान में एयर गन और उसके कारतूस की बिक्री पर रोक लगाये और अगर किसी को पक्षियों और जंगली जानवरों को मारते हुए पाया गया तो उसके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करें। हिन्दुस्थान समाचार/ तागू/ अऱविंद