धार्मिक विशेषताएं

हिन्दू संस्कृति की 5 खासियत जिसे दुनिया करती है पसंद

हिन्दू धर्म भारत का सबसे पुराना और पहला धर्म है। इस धर्म का वेद एक मात्रा ग्रन्थ है। वेदों के सार को उपनिषद कहा गया है। हिन्दू धर्म में इसे ही वेदांत कहा गया है। आज हम इस लेख में कुछ ऐसी ही हिन्दू धर्म से जुडी पांच बाते लेकर आएं हैं जिन्हें दुनियां बेहद पसंद करती है। चलिए फिर बताते हैं –

उत्सव प्रिय -

हिन्दू धर्म में जितने भी त्यौहार हैं सभी सेहत, उत्सव, रिश्तों और प्रकृति से जुड़े हुए हैं। हिन्दू धर्म का मानना है कि भगवान ने मनुष्य को खुलकर हंसने, उत्स्व मनाने, मनोरंजन और खेल कूद की योग्यता दी है। उत्स्व से मनुष्य के जीवन में सकरात्मकता आती है, मिलनसार होता है और अनुभवों का विस्तार करता है। यही है उत्स्व प्रिय, तभी आपने भी देखा होगा ब्रज की होली और कुम्भ का मेला देखने के लिए लोग दुनियभर से आते हैं।

सांस्कृतिक एकता -

भारत के हर एक समाज या प्रान्त के अलग अलग त्यौहार हैं, उत्स्व हैं, परम्पराएं हैं और रीति रिवाज है। लेकिन अगर आप इसे गहराई से देखें तो सभी में एक समानता है। बस एक ही पर्व को मनाने के भिन्न भिन्न तरीके हैं। कई भाषों को बोलने के अलग-अलग अंदाज हैं लेकिन मूल तो बस संस्कृत और तमिल ही है। अलग-अलग मान्यताओं के लोग आजकल एक ही साथ रहने लगे और वो भी हसी ख़ुशी। यह बात देखकर विदेशी भी हैरानी में पड़ जाते हैं।

धार्मिक शिक्षा पर कोई जोर नहीं है -

हिन्दू धर्म कटरपंथी धर्म नहीं है। इस धर्म में किसी भी प्रकार का आपको सामाजिक दबाव नहीं दिखेगा। धार्मिक शिक्षा के कोई जोर जबरदस्ती नहीं होती। हिन्दू धर्म का मानना है कि शिक्षा हर प्रकार की होनी चाहिए। सिर्फ धार्मिक धर्म ही महत्वपूर्ण नहीं है। शिक्षा संस्कार वाली होनी चाहिए जिससे बच्चा बड़ा होकर एक अच्छा इंसान बने।

तीर्थ और मंदिर-

हिन्दू धर्म के जितना भी तीर्थ और प्रमुख मंदिर उसके दर्शन हर कोई करना चाहता है। हर धर्म का व्यक्ति इन स्थानों के दर्शन करके ख़ुशी महसूस करता है। क्योंकि इन स्थानों पर आध्यात्मिक वातावरण ऐसा मिलता है जिसमें घुलकर आप शांति महसूस करते हैं। तभी इन स्थानों पर विदेशी सैलानी ऐसे ही नहीं घूमते।

ध्यान और योग-

योग, ध्यान और मोक्ष हिन्दू धर्म का ही दिया हुआ है। वेद से ही ये धारणाएं निकलकर आयी हैं। योग में इसे समाधि कहा गया है। वेदों के इस ज्ञान को हर किसी ने अलग-अलग तरीके से समझा और परखा है। मोक्ष प्राप्ति के लिए ध्यान को सबसे कारगार और सरल रास्ता माना जाता है। सम्पूर्ण विश्व में ध्यान और योग बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं।