तनाव से बचने के उपाय
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तनाव को दूर भगाना है तो रोजाना करने होंगे ये पांच योगासन, हमेशा रहेंगे तनाव से मुक्त

नई दिल्ली रफ्तार डेस्क। आज की दुनिया में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है। जिसको तनाव न हो। जीवन में तनाव का होना अच्छी बात है। परंतु एक हद के बाहर तनाव का हो जाना, यह बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। जब यही तनाव हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में हमें परेशान करने लगता है। तभी दिक्कते आनी शुरू हो जाती हैं। जिस व्यक्ति को तनाव हमेशा रहता है। उसको इलाज के लिए तुरंत जाना चाहिए।  कई बार यह तनाव इतना बढ़ जाता है कि आदमी को पागलपन जैसे और बुरे सपने आने लगते हैं। उसके दिमाग में नेगेटिव थिंकिंग चलने लगती है। सही और गलत में फर्क करना भूल जाता है। तनाव एक मानसिक बीमारी है। जो मस्तिष्क को धीरे-धीरे खोखला कर देती है  ऐसे में आप तनाव से बचना चाहते हैं तो आपको रोजाना सुबह पांच योगासन करने चाहिए जिनसे आपको तनाव से मुक्ति मिलेगी।

बालासन 

तनाव से मुक्ति पाने के लिए व्यक्ति को रोजाना बालासन करना चाहिए। इसके लिए व्यक्ति को घुटने  के बल बैठना चाहिए फिर  उसे अपने हाथों को आगे की तरफ ले जाना चाहिए।  ऐसा करते समय शरीर को भी आगे की तरफ झुकाए। ऐसा करने से मानसिक शांति मिलती है। तनाव से मुक्ति पाने के लिए व्यक्ति को रोजाना बालासन करना चाहिए। 

मार्जरी आसन 

मार्जरी आसन को अंग्रेजी में कैट पोज भी कहा जाता है। यानी बिल्ली आसान,  इससे हमारे रीड की हड्डी और पेट की मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता है l साथ ही  कंधा कमर और गर्दन को राहत मिलती है।  इसके लिए आप घुटने और हाथों के बल बैठ जाएं। जैसे शरीर को टेबल बना लिया हो। फिर सांस अंदर लेते हुए पेट को अंदर की तरफ और फिर सांस को बाहर तरफ धीरे-धीरे छोड़ें।  इससे दिमाग के साथ आपकी शरीर को भी फायदा मिलेगा। 

उत्तान शीशों आसान

अगर आपको नींद ना आने की तकलीफ है।  तो आपको उत्तान शीशों आसान जरूर करना चाहिए। इसके लिए  घुटने और हथेली के बल बैठकर धीरे-धीरे अपने हाथों को थोड़ा आगे ले जाएं और पैर के अंगूठे को अंदर की तरफ मोड़ें। फिर  सांस छोड़ने पर कूल्हे को पीछे एड़ियों की तरफ ले जाएं। कोई नहीं  इसे जमीन से  छूने दे। अब माथे को नीचे झुकाकर अपनी गर्दन  को आराम दें। ऐसा 10 बार करें।

जानू शीर्षासन

यह सुनने ने जरूर आपको अटपटा लगा रहा होगा। लेकिन ये संस्कृत भाषा का शब्द है। जो तीन शब्दो से मिलकर बना है। पहला जानू का अर्थ घुटना होता है। दूसरा शीर्षा यानी सिर और तीसरा आसान यानी बैठने की स्थित होती है। इसे करने के लिए  पैरों को आगे की तरफ फैला कर दोनों हाथों से पर के अंगूठे को छूने की कोशिश करें।  फिर एक पैर मोड कर दूसरे के साथ ऐसा करें । ये आसन सिर दर्द और पीरियड की समस्याओं को दूर करता है।

सालांब शीर्षासन

सालांब शीर्षासन करने के लिए सिर के बल खड़े हो जाइए और शरीर को पूरा भार  सिर  पर डालने की बजाय कंधों और हाथों पर डालिए।  शरीर में खून का बहाव उल्टा जाता है तो यह  तनाव को दूर करने और अपनी सांसों पर ध्यान लगाने में मदद करता है।