चाइल्ड केयर या पैरेंटिंग (Parenting) का सबसे अहम पहलू है बच्चों के साथ माता-पिता का व्यवहार। बच्चों की देखभाल सिर्फ उसके बेहतर सेहत के लिए ही नहीं की जाती है। सेहत के साथ बच्चों को भावनात्मक देखभाल की भी जरुरत होती है ताकि आपके बच्चे जीवन जीने की कला सीख सकें। अनुशासन, व्यवहार के साथ बच्चों को नैतिक सीख भी देनी चाहिए। बढ़ते बच्चों के साथ माता-पिता का व्यवहार कैसा हो और चाइल्ड केयर के क्या हैं खास टिप्स (Child Care Parenting Tips), आइए जानते हैं:-
बच्चों को दें सही दिशा - Always Give better direction to your child
जन्म के बाद तीन वर्षों तक बच्चे जो कुछ मिले उसे मुंह में डालते हैं और हर चीज को छूना चाहते हैं। ऐसे में मां को बच्चों का काफी ख्याल रखना पड़ता है। अगर कोई ऐसी चीज उठा के मुंह में ले लिया जो खतरनाक और नुकसानदेह हो सकती है तो फिर क्या होगा? माता-पिता को चाहिए कि बच्चे की सुरक्षा के लिए उसे क्या करना है और क्या नहीं करना है कि ट्रेनिंग हमेशा देते रहें।
बच्चों को बनाएं क्रिएटिव - Nurture Creativity
बच्चे में सीखने- जानने की ललक काफी होती है। बच्चों को खिलौने, रंगीन चॉक, पेंसिल और कुछ बनाने के लिए क्ले या आटा दें। इससे आपके बच्चे में सकारात्मक विकास आएगा। वो कुछ नया बनाने सीखेंगे।
रात में बच्चों के साथ ही सोएं - Sleep with your child
पैरेंटिंग का मतलब सिर्फ बच्चों पर नजर रखना नहीं होता है। बेहतर संस्कार डालने के लिए रात में सोने के समय पैरेंट्स को बच्चों के साथ सोना चाहिए। उसे कोई कहानी सुनाएं, गीत गाएं या लोरी सुनाएं जिससे उनका मन शांत और प्रसन्न होगा। बच्चा काफी ग्रहणशील होता है और आपकी सिखायी गई बात उसके मन पर गहरा प्रभाव डालती है।
रोज के जीवन में अनुशासन पालन करना सिखाएं - Learn them discipline
बच्चे को अनुशासित रखने के लिए माता-पिता को स्वंय अनुशासन में रहना होगा, क्योंकि बच्चे बड़ों से ही सीखते हैं। उसके सामने एक आदर्श बनाएं। उनके साथ खेलने, साथ में पूजा-अर्चना करने, भोजन करने से वो अनुशासन का ककहरा सीखेंगे। उसे बड़ों और छोटों से व्यवहार करने का सलीका बताएं।
बच्चों को सिखाने के समय कैसा हो व्यवहार - Teaching Approach
बच्चों की भावनाओं को समझें और उसे अनुशासन या व्यवहार सिखाने समय हमेशा प्यार से समझाएं। उसे ये बताने की कोशिश करें कि अगर आप ऐसा करेंगे तो बड़ों को अच्छा लगेगा, मम्मी-पापा को अच्छा लगेगा डांट-फटकार या मार से बच्चे नहीं सीखते हैं।
उनके कामों की प्रशंसा करें - Appraisal Matters
बच्चे को प्यार के साथ आपके प्रशंसा की भी ललक रहती है। होम वर्क बनाएं, ड्राइंग करें या फिर कोई भी अच्छा काम करें तो उसे 'गुड, वेलडन' कह कर उसकी प्रशंसा करें। ऐसे वक्त में बच्चों को गिफ्ट देकर भी अच्छे काम करने, पढ़ने और बेहतर इंसान बनने के लिए प्रोत्साहित करें। उसे अच्छी ज्ञानवर्धक किताबें दें, खेलने और कोई अन्य चीजों में रुचि हो तो उसमें आगे बढ़ने में सहयोग करें।
कभी भेदभाव नहीं करें - Avoid discrimination
अगर आपके दो या दो से ज्यादा बच्चे हैं तो सभी को सामान प्यार दें, एक समान देखभाल करें और सभी के लिए एक जैसा व्यवहार करें। चाहे लड़का हो या लड़की सभी को एक समान प्यार करें। बच्चे के सामने किसी दूसरे से उसकी तुलना मत करें।