रोग का टेस्ट

स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड - Scrotal ultrasound in Hindi

स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड एक प्रकार का इमेजिंग टेस्ट है जिसे स्क्रोटम (अंडकोष की थैली) में देखा जाता है। स्क्रोटम वह थैली होती है जो पुरुषों के लिंग के नीचे स्थित होती है। इसमें टेस्टिकल या अंडकोष होते हैं, जो पुरुषों के प्रजनन तंत्र का जरूरी हिस्सा हैं।

अंडकोष पुरुष प्रजनन अंग है जो शुक्राणु और हार्मोन टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन करते हैं। वे अंडकोश में स्थित होते हैं, अन्य छोटे अंगों के साथ, रक्त वाहिकाओं, और एक छोटी ट्यूब जिसे वास डेफेरेंस कहा जाता है।

टेस्ट कैसे किया जाता है -

आप पैरों को खोलकर कमर के बल लेटते हैं। डॉक्टर अंडकोश के नीचे आपकी जांघों पर एक कपड़ा लपेटता है या उस क्षेत्र में चौड़ी पट्टी की टेप लगाता है। फिर अंडकोश की थैली को थोड़ा अंडकोष के साथ-साथ ऊपर उठाया जाएगा।

साउंड वेव्स को संचारित करने में मदद करने के लिए एक स्पष्ट जेल अंडकोश की थैली पर लगाया जाता है। एक हाथ अल्ट्रासाउंड ट्रांसड्यूसर होता है जो टेक्नोलॉजिस्ट द्वारा अंडकोश पर ले जाया जाता है। अल्ट्रासॉउन्ड मशीन तेज गति की साउंड वेव्स पहुंचाती है। फिर ये तरंगे यानि वेव्स अंडकोष वाले क्षेत्र की फोटो खींचती हैं।

टेस्ट के लिए कैसे तैयार होना चाहिए -

इस टेस्ट के लिए किसी भी खास प्रकार की तैयार की जरूरत नहीं है।

टेस्ट में कैसा महसूस हो सकता है -

कुछ असहज आपको महसूस हो सकता है। अंडकोष के आसपास लगाए जेल से आपको थोड़ी ठंडक और गीलापन महसूस हो सकता है।

टेस्ट क्यों किया जाता है -

टेस्टिकल अल्ट्रासॉउन्ड इसलिए किया जाता है :

  • ये जांचने के लिए कि क्यों एक या दोनों टेस्टिकल बड़े हैं।

  • एक या दोनों टेस्टिकल्स में मास या गांठ जांचने के लिए।

  • टेस्टिकल्स में दर्द का कारण जांचने के लिए।

  • टेस्टिकल्स में रक्त का प्रवाह जानने के लिए।

सामान्य परिणाम -

टेस्टिकल्स और अंडकोष के अन्य क्षेत्र सामान्य दिखाई देते हैं।

असामान्य परिणाम का मतलब क्या है -

  • असामान्य परिणाम के संभावित कारण हो सकते हैं -

  • बहुत छोटी नसों का संग्रह, जिसे एक varicocele कहा जाता है

  • संक्रमण या फोड़ा

  • नॉनकैंसरस (सौम्य) सिस्ट

  • अंडकोष का मुड़ना जो रक्त प्रवाह को अवरुद्ध करता है, जिसे टेस्टिकुलर मरोड़ कहते हैं

  • टेस्टिकुलर ट्यूमर

जोखिम -

ऐसे किसी भी प्रकार के जोखिम नहीं है। आप इस टेस्ट से किसी भी रेडिएशन से प्रभावित नहीं होंगे।