एक सफल व्यवसाय के पीछे एक स्वस्थ कर्मचारी का हाथ माना जाता है। यदि किसी कंपनी का कर्मचारी चुस्त और तंदुरुस्त होता है तो ऑफिस के काम में प्रतिदिन वृद्धि होती रहती है। इसलिए आजकल कम्पनियां अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने लगी हैं।
कॉर्पोरेट स्वास्थ्य जांच सुविधा हर छोटी- बड़ी कंपनी से जुड़ी है। प्रतिस्पर्धा भरे इस दौर में कर्मचारियों को कई घंटे लगातार बैठ कर काम करना पड़ता है, उन पर काम का अत्यधिक प्रेशर होता है जिसके कारण उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती है। इसका सीधा असर कर्मचारियों की सेहत पर पड़ता है।
अनियमित दिनचर्या के कारण व्यक्ति कई गंभीर रोगों का शिकार हो जाता है। व्यस्त जीवन के कारण व्यक्ति को हृदय रोग, डायबिटीज तथा हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी होने की आशंका रहती है, जिनके शुरूआती लक्षणों का पता नहीं चल पाता है। जब इन बीमारियों का पता चलता है, तो इनका इलाज बहुत कठिन और महंगा होता है।
कंपनियों के अधिकारी अपने कर्मचारियों की नियमित चिकित्सा जांच के महत्व को समझते हैं। उन्हें पता है कि अस्वस्थ कर्मचारी में एकाग्रता व एनर्जी की कमी होती है तथा उसके लगातार अनुपस्थित होने का असर उनकी कार्यक्षमता पर पड़ता है, जिसके कारण कंपनी का उत्पादन कम हो जाता है। उनकी कार्यक्षमता को बरकरार रखने के उद्देश्य से आजकल कंपनियां अपने कर्मचारियों का नियमित हेल्थ चेक अप करवाने लगी हैं।
मार्केट में मौजूद इंडस हेल्थ प्लस (Indus Health Plus) हेल्थ केयर ऑर्गेनाइजेशन द्वारा प्रोफेशनल लोगों की जरूरत के अनुसार विशेष पैकेज तैयार किए जाते हैं। इंडस द्वारा दिए जा रहे कॉर्पोरेट स्वास्थ्य जाँच पैकेज में कर्मचारियों के स्वास्थ्य की स्थिति की स्पष्ट जानकारी देने के साथ ही किसी भी बीमारी का पता चलने पर उसके उचित इलाज का प्रबंध भी करवाया जाता है।