माउथ अल्सर को मुंह में छाला आना कहते हैं। मुंह के अंदर जो नर्म और मुलायम ऊतक होते हैं, जिसे म्यूकस मेंब्रेन (mucous membrane) कहते हैं, उसी में छाले पड़ते हैं। यह अकसर खाने के दौरान या काफी गर्म खाने से गाल के चमड़े के कटने से होता है।
मुंह में अगर छाले हो जाएं तो कुछ भी खाने में काफी परेशानी होती है। खाना तो दूर पानी पीना भी मुश्किल हो जाता है। छाले होने पर मुंह में तेज जलन और दर्द होता है। कुछ लोगों को तो भोजन नली तक में छाले हो जाते हैं। मुंह में छाला (Muh ke Chhale) आना एक नार्मल बीमारी है, जो कुछ दिनों बाद अपने आप ठीक हो जाती है। कुछ लोगों को छाले बार-बार आते हैं। ऐसे लोगों को अपनी पूरी डॉक्टरी जांच करानी चाहिए, ताकि सही इलाज किया जा सके। मुंह में छाले होने के कई कारण होते हैं। कई बार पेट की गर्मी से भी छाले हो जाते हैं।
मुंह में छाले आने के पीछे कई कारण जिम्मेवार होते हैं। मुख्य तौर पर संतुलित आहार, कब्ज, गुटखे और पान मसाले के सेवन और मुंह की गंदगी से मुंह में अक्सर छाले आते हैं। ज्यादा मिर्च-मसालों का सेवन भी इसके लिए जिम्मेदार होता है, क्योंकि यदि पेट की क्रिया सही नहीं है, तो उसके साइड इफेक्ट के रुप में मुंह में छाले आ जाते हैं।
1. कब्ज - Constipation
लंबे समय तक कब्ज रहने से मुंह में छाले आ जाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार मुंह में छाले पेट की खराबी तथा पेट की गर्मी की वजह से होते हैं। कब्ज इसकी मूल वजह है।
2. गाल या जीभ का कटना - Injury in Cheek and Tounge
कई बार कोई चीज खाते समय दांतों के बीच जीभ या गाल का हिस्सा आ जाता है, जिसकी वजह से छाले हो जाते हैं। ऐसे छाले मुंह की लार से अपने-आप ठीक हो जाते हैं।
3. दवाओं के साइड इफेक्ट - Medicine Side Effects
दवाओं के साइड इफेक्ट की वजह से भी मुंह में छाले होते हैं। लंबे समय तक एंटीबॉयोटिक दवाओं सेवन करने से मुंह में छाले आने की संभावना ज्यादा होती है। ज्यादा एंटीबॉयोटिक के सेवन से हमारी आंतों में लाभदायक कीटाणुओं की संख्या घट जाती है, नतीजा मुंह में छाले हो जाते हैं।
4. दांतों की गलत संरचना - Wrong Structure of Teeth
दांतों की गलत संरचना की वजह से भी मुंह में छाले होते हैं। यदि दांत आड़े-तिरछे, नुकीले या आधे टूटे हुए हैं और इसकी वजह से वे जीभ या मुंह में चुभते हैं या उनसे लगातार रगड़ लगती रहती है, तो वहां छाले हो जाते हैं।
मुंह के छाले कई मामले में नुकसानदेह नहीं होते हैं और कुछ दिनों में खुद ही खत्म हो जाते हैं। हर्पिस वायरस के संक्रमण से हुए माउथ अल्सर में चिकित्सकीय इलाज की जरुरत होती है। सामान्य तौर पर मुंह में छालों के इलाज परहेज और कुछ सामान्य उपाय से ही हो जाते हैं मसलन-