मनुष्य शरीर का निर्माण पांच तत्वों से मिलकर बना है और उन्हीं में से सबसे महत्तवपूर्ण होती है मिट्टी। मिट्टी का आम ज़िंदगी में कोई खास मूल्य नहीं है लेकिन मनुष्य के शरीर के ढांचे का सबसे अहम हिस्सा होती है मिट्टी।
यह कई प्रकार की होती है और उन्हीं में से एक है मुल्तानी मिट्टी (Multni Mitti) यानि मुल्तान में पाई जाने वाली मिट्टी। मुल्तान पाकिस्तान देश का एक शहर है जहां मुल्तानी मिट्टी सबसे अधिक मात्रा में पाई जाती है। इसे अंग्रेज़ी में फुलर्स अर्थ (Fuller's Earth) कहते हैं।
देखने में मुल्तानी मिट्टी रेत की तरह होती है और यह पत्थरों के आकार में पाई जाती है। प्राचीन समय से अपने चमत्कारिक फायदों के कारण मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल सौंदर्य उत्पादों के लिए किया जा रहा है।
मुल्तानी मिट्टी में काफी मात्रा में मैग्नीशियम क्लोराइड पाया जाता है जिसके कारण त्वचा के मुंहासे दब जाते हैं। इन दिनों बाज़ार में कई प्रकार के कॉस्मेटिक उपलब्ध हैं लेकिन मुल्तानी मिट्टी का महत्व अभी भी बरकरार है।
बालों से लेकर फेस पैक (Face Pack) तक मुल्तानी मिट्टी (Multani Mitti) के अनेक प्रयोग हैं। मुल्तानी मिट्टी त्वचा से गंदगी व कील-मुंहासे निकालने में लाभदायक है। इसके इस्तेमाल से चेहरे पर दाग-धब्बे, झुर्रियां, दाने नहीं होते और त्वचा हमेशा जवां दिखती है।
मुल्तानी मिट्टी ( Multani Mitti) प्रकृति की एक देन है। प्राकृतिक खूबसूरती को निखारने वाली इस मुल्तानी मिट्टी को हर व्यक्ति इस्तेमाल कर सकता है। यह ज्यादा महंगी नहीं होती है और बाजार में आसानी से मिल जाती है। घरों में लोग आमतौर पर इसका इस्तेमाल चेहरे व बालों के लिए करते हैं। चलिए मुल्तानी मिट्टी के इस्तेमाल और फायदे बताते हैं आपको-
मुल्तानी मिट्टी को चेहरे पर क्लींज़र, टोनर और फेस पैक (Face Pack) की तरह उपयोग कर सकते हैं। मुल्तानी मिट्टी के इस्तेमाल से चेहरे पर मुंहासे, घमोरियां और दाने नहीं होते। इसे चेहरे पर लगाने से चेहरे की गंदगी दूर हो जाती है और चेहरे की त्वचा से मृत कोशिकाएं निकलने के कारण त्वचा स्वच्छ व कोमल बनी रहती है।
मुल्तानी मिट्टी (Multani Mitti) के इस्तेमाल से चेहरे की त्वचा में चमक आती है। इसका इस्तेमाल करने से चेहरे पर सीरम या मॉइश्चराइजर अच्छी तरह से ब्लेंड होता है और आपकी त्वचा ज्यादा चमकीली बन पाती है। साथ ही शरीर के रक्तसंचार में भी सुधार आता है।
तैलीय त्वचा (Oily Skin) के लिए मुल्तानी मिट्टी बेहद कारगर साबित होती है। तैलीय त्वचा पर मुल्तानी मिट्टी और गुलाब जल का मिश्रण बनाकर इसे फेस पैक की तरह लगाने से फायदा होता है। वहीं सूखी त्वचा के लिए इसमें दूध और बादाम का पेस्ट मिलाकर चेहरे पर लगाएं।
मुल्तानी मिट्टी में एंटीसेप्टिक एजेंट मौजूद होता है इसलिए मुल्तानी मिट्टी के उपयोग से शरीर में ठंडक पहुंचती है। यदि आपके शरीर पर कहीं जलन हो रही है या आपको सनबर्न हो गया है तो मुल्तानी मिट्टी का पैक शरीर के उस अंग पर लगाने से आपको राहत मिलेगी।
मुल्तानी मिट्टी के लगातार उपयोग से टैनिंग कम होती है, चेहरे का रंग साफ होता है और चेहरे पर कील-मुंहासों के दाग-धब्बों से और ब्लैक हेड्स से भी आपको छुटकारा मिलता है। इसके लिए मुल्तानी मिट्टी में नीम का पेस्ट, लौंग पाउडर और कपूर मिलाकर लगाएं।
मुल्तानी मिट्टी का उपयोग लॉन्ड्री में भी होता है। इसके उपयोग से कपड़े पर ग्रीस, तेल, खून व मोम के लगे धब्बे हल्के होते हैं। इसलिए ज्यादातर लॉन्ड्री डिटर्जेंट में इसका उपयोग किया जाता है।
मुल्तानी मिट्टी का पैक इस्तेमाल करने से बालों को भी कंडिशनर मिल जाता है। बालों पर इसे लगाने से बाल घने, मुलायम और काले होते हैं। मुल्तानी मिट्टी से बाल धोने पर बाल झड़ने जैसी समस्याओं का समाधान भी मिलता है।
मुल्तानी मिट्टी केवल कुछ ही लोगों की त्वचा के अनुकूल होती है। कुछ प्रकार की त्वचा पर यह जहां चमत्कारी प्रभाव छोड़ती है वहीं कुछ प्रकार की त्वचा को यह हानि भी पहुंचा सकती है। लोगों को यह समझना चाहिए कि इसका असर त्वचा पर धीरे धीरे ही दिखाई पड़ता है। इस प्रकार मुल्तानी मिट्टी के जहां कई फायदे हैं वहीं इसके कई नुकसान भी हैं जैसे कि-
मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल ज्यादातर तैलीय त्वचा के लोगों के लिए फायदेमंद होता है। सूखी त्वचा व सेंसेटिव त्वचा पर मुल्तानी मिट्टी के कई दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं जैसे कि त्वचा की कोमलता कम हो सकती है।
ठंडे प्रभावों के कारण मुल्तानी मिट्टी से लोगों में सांस संबंधी समस्याएं भी उजागर हो सकती हैं। खासतौर पर सीने के आस-पास के भागों पर इस्तेमाल करने से। इससे किसी किसी को खांसी, जुकाम जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं।
मुल्तानी मिट्टी से बनी ईंट, चाक का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे पथरी जैसी गंभीर बीमारी होने की संभावना रहती है।