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Madhya Pradesh

MP Election: कौन है मप्र में बीजेपी को सत्ता से बाहर कर मुख्यमंत्री पद पर काबिज होने वाले पूर्व सीएम कमल नाथ?

मध्य प्रदेश, रफ्तार डेस्क। मध्य प्रदेश में 15 महीने तक 18 वें मुख्यमंत्री का पदभार संभालने वाले कमल नाथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है और हांलिया विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का मुख्य चेहरा है। हालाकि उन्हें मध्य प्रदेश में 15 महीने की सरकार से राजनीतिक संकट के कारण मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। बीजेपी को मध्य प्रदेश से सत्ता से बाहर कर, मुख्यमंत्री के पद में काबिज होने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं कमल नाथ। उन्हें मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव 2023 का टिकट दिया है।

कमलनाथ सिंह का पालन पोषण उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था। उनके पिता महेंद्र नाथ ने फिल्मों के प्रदर्शन और वितरण, प्रकाशन, व्यापार पावर ट्रांसमिशन से जुड़ी फर्मों की स्थापना की थी। उनकी शिक्षा द दून स्कूल से हुई थी। उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता से वाणिज्य में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। कमलनाथ सिंह, दून इंटरनेशनल स्कूल में संजय गाँधी के सहपाठी थे। कमलनाथ सिंह और संजय गाँधी को इंदिरा गाँधी के दो हाथ कहा जाता था।

प्रोफाइल पर एक नजर

नाम :- कमल नाथ

जन्म :- 18 नवंबर 1946

जन्म स्थान :- कानपुर, उत्तर प्रदेश

शिक्षा :- वाणिज्य में स्नातक

राजनीतिक यात्रा की शुरुआत :- उन्होंने 1968 में युवक कांग्रेस से राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। वर्ष 1976 में उन्हें उत्तर प्रदेश युवक कांग्रेस का प्रभार मिला था। वह 1970 से 81 अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहे।

उनके जन्म, शिक्षा और परिवार का विवरण

कमल नाथ का जन्म 18 नवंबर 1946 को कानपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ। उनकी माता का नाम लीला नाथ और पिता का नाम महेंद्र नाथ था। उनकी शिक्षा द दून स्कूल से हुई थी। उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता से वाणिज्य में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उनकी पत्नी का नाम अलका नाथ है, जिनसे उनको दो बेटे हैं।

उनकी राजनीतिक यात्रा

उन्होंने 1968 में युवक कांग्रेस से राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। वर्ष 1976 में उन्हें उत्तर प्रदेश युवक कांग्रेस का प्रभार मिला था। वह 1970 से 81 तक अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहे। कमलनाथ सिंह को वर्ष 1980 में सातवीं लोकसभा के लिए चुना गया था। वर्ष 1985 में उन्हें दोबारा से लोकसभा के लिए चुना गया। 1889 में लगातार तीसरी बार लोकसभा के लिए चुने गए। कमल नाथ को वर्ष 1991 में 10वीं लोकसभा के लिए चुना गया।

उन्हें वर्ष 1991 में पर्यावरण और वन मंत्री के रूप में केंद्रीय मंत्रिपरिषद में नियुक्त किया गया था। वर्ष 1995 से 1996 तक उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री, कपड़ा (स्वतंत्र प्रभार) का पदभार संभाला। कमल नाथ को वर्ष 1998 में 12वीं लोकसभा के लिए भी चुना गया था।

वर्ष 1999 में उन्हें 13वीं लोकसभा के लिए नियुक्त किया गया था। 2001 से 2004 तक उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सचिव का पदभार संभाला। वर्ष 2004 में उन्हें दोबारा से लोकसभा के लिए चुना गया। 2004 से 2009 तक उन्होंने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री का पदभार संभाला।

वर्ष 2009 में कमलनाथ सिंह 15वीं लोकसभा के लिए चुने गए और उन्हें केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री का कार्यभार सौपा गया। वर्ष 2011 में कैबिनेट फेरबदल में वे जयपाल रेड्डी की जगह शहरी विकास मंत्री बने। वर्ष 2012 में उन्हें संसदीय कार्य मंत्रालय का कार्यभार सौपा गया। वर्ष 2012 में कमल नाथ जयराम रमेश की जगह योजना आयोग के पदेन सदस्य बने।

वर्ष 2014 में उन्होंने नवनिर्वाचित 16वीं लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में काम किया। वर्ष 2018 में कमल नाथ मध्य प्रदेश के पीसीसी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किए गए और 17 दिसंबर 2019 को उन्होंने मध्य प्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। 20 मार्च 2020 को उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

कमलनाथ सिंह से जुड़े विवाद

1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़ा था नाम

बाल विकास मंत्री इमरती देवी के खिलाफ कथित पर टिप्पणी का आरोप

पुरस्कार और सम्मान

कमलनाथ सिंह को वर्ष 2007 में उन्हें एफडीआई पत्रिका और फाइनेंशियल टाइम्स बिजनेस द्वारा "एफडीआई पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर" से नामित किया गया था। वर्ष 2008 में उन्हें द इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा "बिजनेस रिफॉर्मर ऑफ द ईयर" का खिताब मिला। वर्ष 2012 में वें एशियन बिजनेस लीडरशिप फोरम की तरफ से "एबीएलएफ स्टेट्समैन अवार्ड" से सम्मानित किये गए।

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