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Shani Jayanti 2023: जानिए कब है शनि जयंती? किस तरह से करें शनि देव को प्रसन्न

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। Shani Jayanti 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर शनि जयंती का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन विशेष तौर पर शानि भगवान की पूजा-अर्चना का विधान है। नौ ग्रहों में सर्वश्रेष्ठ शनि ग्रह को माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि एक बार जिस पर शानि की साढे़ साती चढ़ जाती है उसका कष्टों से बच पाना मुश्किल होता है। शनि जयंती के दिन शनि देव की पूजा आराधना करने से व्यक्ति के सारे कष्ट, रोग दूर हो जाते हैं। आइए जानते हैं इस साल शनि जयंती किस दिन मनाई जाएगी, और जानेंगे पूजन विधि।

किस दिन मनाई जाएगी शनि जयंती

हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनाई जाती है। इस बार शनि जयंती 19 मई, 2023 शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस महत्वपूर्ण तिथि के दिन 'शोभना योग' बन रहा है, जिसे शुभ काम के लिए उत्तम फल देने वाला माना गया है। शनि जयंती के दिन शोभना योग शाम 06 बजकर 17 मिनट तक रहेगा।

शनि जयंती का महत्व

सनातन धर्म में शानि देव को न्याय का देवता माना जाता है। शनि जयंती के दिन विधिवत रूप से भगवान शनि देव की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के ऊपर से साढ़े साती, ढैय्या और शनि की महादशा के जैसी अशुभ संकेतों का प्रभाव कम हो जाता है। साथ ही मनुष्य के कर्मों के अनुसार उसको फल भी प्राप्त होते हैं। शनि देव कर्मफल अनुसार व्यक्ति के साथ न्याय करते हैं।

शनि जयंती की पूजा विधि

  • शनि जयंती के दिन सवेरे उठकर सबसे पहले स्नान आदि से निवृत होकर शनि देव का ध्यान करें।

  • इसके बाद शनि देव की मूर्ति को चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर स्थापित करें।

  • फिर सरसों के तेल का दीपक जलाएं और शनिदेव की प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक करें।

  • इसके बाद सरसों का तेल, काला तिल और नीले फूल उनके चरणों में अर्पित करें।

  • इन सबके बाद में शनि चालीसा का पाठ करें और शनि देव की आरती करें, और उन्हें भोग लगाएं।

  • अंत में पूजा के आसन पर से उठने से पहले 7 बार ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का जाप करें।