पर्व

अन्नकूट - Annakoot

दीपावली के अगले दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रथमा को अन्नकूट का त्यौहार मनाया जाता है। पौराणिक कथानुसार यह पर्व द्वापर युग में आरम्भ हुआ था क्योंकि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन और गायों के पूजा के निमित्त पके हुए अन्न भोग में लगाए थे, इसलिए इस दिन का नाम अन्नकूट पड़ा, कई जगह इस पर्व को गोवर्धन पूजा (Annakoot Pooja) के नाम से भी जाना जाता है।

अन्नकूट (Annakut)

वर्ष 2022 में अन्नकूट 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा का मुहूर्त निम्न है: 

गोवर्धन पूजा प्रातः काल मुहूर्त - प्रातः 06:10 से प्रातः 08:33 तक

अन्नकूट पूजा विधि (Govardhan or Annakut Puja Vidhi in Hindi)

ब्रजवासियों का यह मुख्य त्यौहार सम्पूर्ण भारत में बड़े ही उत्साह और हर्सोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन भक्तगण छप्पन प्रकार के पकवान, रंगोली, पके हुए चावलों को पर्वत के आकार में बनाकर भगवान श्री कृष्ण को अर्पित करते हैं तद्योपरांत श्रद्धा और भक्तिपूर्वक उनकी पूजा-वंदना करते हैं। उसके बाद अपने स्वजनों और अतिथियों के साथ बाल गोपाल को अर्पित इस महाप्रसाद को भोजन के रूप में ग्रहण करते हैं।

नोट: अन्नकूट (Annakoot Puja) के पवित्र दिवस पर चन्द्र दर्शन अशुभ माना जाता है। इसलिए प्रतिपदा में द्वितीया तिथि के हो जाने पर इस पर्व को अमावस्या को ही मनाने की परंपरा है।

गोवर्धन कथा (Govardhan Katha in Hindi)

विष्णु पुराण के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने इसी दिन इन्द्र के घमंड को तोड़ा था, जिस कारणवश इस दिन बाल गोपाल के पूजा का बड़ा महत्त्व होता है। आस्थावान भक्तों की मानें तो इस अनुष्ठान को विधिपूर्वक संपन्न करने से भक्त को भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अन्नकूट की विशेष रात्रि पर भक्तगण भव्य सत्संग का आयोजन करते हैं और पूरी रात श्रीप्रभु के भजन और उनके गुणों के बखान को गाते हैं।

अन्नकूट रेसिपी :

अन्नकूट या गोवर्धन पूजा दीपावली के दूसरे दिन मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण को अन्नकूट सब्जी और पूड़ियों का भोग लगाया जाता है। अन्नकूट सब्जी एक विशेष प्रकार की सब्जी होती है जिसमें कई प्रकारकी सब्जियों का प्रयोग किया जाता है। आइये जानें भगवान श्री कृष्ण को भोग लगाने वाली इस विशेष सब्जी की रेसिपी।

विशेष सब्जी की रेसिपी:

आवश्यक सामग्री

आप इच्छानुसार अधिक से अधिक सब्जियां ले सकते हैं जैसे:

1.       आलू और बैगन- 2-3

2.       फूल गोभी- एक छोटा-सा

3.       सेम- 100 ग्राम

4.       गाजर- 1

5.       मूली- 1

6.       टिन्डे- 2

7.       अरबी- 1

8.       भिन्डी- 6-7

9.       परवल - 2-3

10.   शिमला मिर्च- 1

11.   लौकी- 1

12.   कच्चा केला- 1

13.   कद्दू- एक छोटा-सा टुकडा

14.   टमाटर- 4 -5

15.   अदरक- दो चम्मच पेस्ट

16.   हरी मिर्च- 2-3

17.   हरी मैथी

18.   तेल- 4 चम्मच

19.   हींग- चुटकीभर

20.   जीरा- एक छोटी चम्मच

21.   हल्दी पावडर- एक छोटी चम्मच

22.   धनिया पावडर- 2 छोटी चम्मच

23.   लाल मिर्च- 3/4 छोटी चम्मच

24.   अमचूर पावडर- आधा छोटी चम्मच (यदि आप चाहें)

25.   गरम मसाला- आधा - एक छोटी चम्मच

26.   नमक- 1/2 छोटी चम्मच (स्वादानुसार)

27.   हरा धनियां- 100 ग्राम (बारीक कटी हुई)

बनाने की विधि

सबसे पहले सारी सब्जियों को साफ करके धो लीजिएं। फिर सभी सब्जियां को मध्यम आकार में काट लीजिये।

अब एक बड़ी कड़ाही में तेल गर्म कीजिए। जब तेल गर्म हो जाए तो इसमें हींग और जीरा डाल कर तड़का लगा लीजिएं। इसके बाद इसमें हल्दी-धनिया पावडर और हरी मिर्च व अदरक डालकर हल्का-सा भून लें।

अब इसमें सारी कटी हुई सब्जियां डाल दीजिए। अब इसमें ऊपर से नमक और लाल मिर्च डाल कर चलाते रहिएं। जब सब्जियां हल्की नर्म हो जाएं तो इसमें करीब दो कप पानी डालकर सब्जी को ढककर पकने दीजिएं। जबसब्जियों में उबाल आने लगे तो गैसे धीमी कर दीजिएं। इसी समय इसमें कटे हुए टमाटर और हरी धनिया मिला लीजिएं।

05-06 मिनट बाद सब्जी चलाइएं और देखिएं कि सारी सब्जियां पक गई हैं या नहीं। अब सब्जियां ना पकी हो तो उसे कुछ मिनट और पकाइएं। जब सारी सब्जियां पक जाएं तो गैस बंद कर सब्जी को उतार लीजिएं। इसे पूड़ीया रोटी के साथ भगवान श्री कृष्ण को भोग लगाइएं।

याद रखें कि आप इस सब्जी को बनाने के लिए मनपसंद सब्जियों का प्रयोग कर सकते हैं। यह सब्जी बनाने के लिए बड़ी कड़ाही का ही प्रयोग करें।