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Raviwar Mantra : जानिये सूर्य को जल अर्पित करने के सही दिशा , समय और मंत्र के बारे में

नई दिल्ली ,01 अक्टूबर 2023 : सूर्य को जल अर्पित करने का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। मान्यता है कि सूर्य को जल अर्पित करने से व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। सूर्य को जल अर्पित करने से जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता आती है।

सूर्य को जल अर्पित करने का सही दिशा

सूर्य को जल अर्पित करते समय अपना मुख पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिए। पूर्व दिशा को सूर्य का स्थान माना जाता है। इसलिए, इस दिशा में बैठकर सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए।

सूर्य को जल अर्पित करने का सही समय

सूर्य को जल अर्पित करने का सबसे शुभ समय सुबह सूर्योदय के समय होता है। इस समय सूर्य की किरणें सबसे तेज होती हैं। इसलिए, इस समय सूर्य को जल अर्पित करने से अधिक लाभ प्राप्त होता है।

सूर्य को जल अर्पित करने का मंत्र

सूर्य को जल अर्पित करते समय निम्नलिखित मंत्र का जाप करना चाहिए:

ॐ घृणि सूर्याय नमः

इस मंत्र का जाप करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं।

सूर्य को जल अर्पित करने की विधि

सूर्य को जल अर्पित करने के लिए एक तांबे के लोटे में जल भर लें। लोटे में लाल चंदन, रोली या फूल भी डाल सकते हैं। फिर, पूर्व दिशा में बैठकर सूर्य को जल अर्पित करें। जल अर्पित करते समय निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:

ॐ घृणि सूर्याय नमः

जल अर्पित करने के बाद सूर्य देव से अपने मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करें।

सूर्य को जल अर्पित करने के लाभ

सूर्य को जल अर्पित करने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:

  • मानसिक शांति मिलती है।

  • शरीर स्वस्थ रहता है।

  • सफलता प्राप्त होती है।

  • जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

इसलिए, नियमित रूप से सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए।

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