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Raksha Bandhan Mantra : इन मंत्रो के साथ बांधे भाई के कलाई पे राखी , अभेद्द होगी भाइयों की सुरक्षा

नई दिल्ली , 31 अगस्त : रक्षाबंधन, भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है, जो प्रेम, सम्मान और सहानुभूति की भावना को दर्शाता है। इस महत्वपूर्ण त्योहार में, बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधते समय कुछ विशेष मंत्रों का जाप करती हैं, जो उनके बंधन को और भी मजबूत और पवित्र बनाते हैं। यहाँ हम उन मंत्रों के बारे में चर्चा करेंगे, जिन्हें बहन रक्षाबंधन के मौके पर जप सकती हैं।

1. "येन बद्धो बलि राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।"

इस मंत्र के जाप से, बहन अपने भाई की रक्षा का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। यह मंत्र महाभारत के युद्ध कांड में आया था जब भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी के रक्षाबंधन के समय यह मंत्र कहा था। इसका अर्थ होता है कि जिस प्रकार बलि राजा दानवों के राजा को बांधकर बाँधा था, वैसे ही आपको बंधता हूँ, तुम न चलो, न मुड़ो।

2. "यमुना जल विहीना नरी यदि कथंचिदपि व्रतेन त्वां स्नातुं शक्नोमि रक्ष रक्ष मां मा चल मा चल।"

यह मंत्र श्रीकृष्ण और द्रौपदी के बीच हुए संवाद के अनुसार है, जहाँ द्रौपदी ने यमुना जल के अभाव के कारण श्रीकृष्ण की रक्षा के लिए यह मंत्र कहा था। इसका अर्थ होता है कि अगर मैं यमुना जल के बिना तुझे स्नान करने में सक्षम हूँ, तो कृपया मुझे रक्षा करो, मुझे न छोड़ो।

3. "सुरेश्वरा रक्ष मां त्वं गोपालेश्वरा भगवान्। श्रीकृष्ण त्वामपि रक्षतु मां मा चल मा चल।"

इस मंत्र के जाप से, बहन भगवान श्रीकृष्ण से अपने भाई की रक्षा की प्रार्थना करती हैं। यह मंत्र उनकी विशेष भक्ति और आत्मबल को प्रकट करता है, जो उन्हें उनके प्रिय भगवान के साथ जोड़ता है।

राखी बंधन के इस महत्वपूर्ण पल में, बहन के भाई की सुरक्षा और खुशियों की कामना के साथ-साथ ये मंत्र उनके आदर्श रिश्ते की महत्वपूर्णता को दर्शाते हैं। रक्षाबंधन के इस अद्वितीय पर्व पर, बहनों को यह मंत्रों की महत्वपूर्णता को समझने और उन्हें अपने भाई के साथ एक और भी गहरे आत्मीयता में बांधने का अवसर मिलता है।

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