Peace Mantra
Peace Mantra 
मंत्र

Peace Mantra: जीवन में पाना चाहते हैं शांति, तो रोजाना करें इन मंत्रों का जाप

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। मंत्र बहुत शक्तिशाली होते हैं और नकारात्मक बाधाओं को आसानी से दूर कर सकते हैं। ऐसे कई मंत्र शास्त्रों में वर्णित हैं जो हर के तनाव को दूर करने में बेहद ही सहायक होते हैं। ज्योतिष शास्त्र में ऐसा कहा जाता है कि मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में सेहत के साथ- साथ तरक्की भी आती है। आज के दौर में लोग बहुत सी मानसिक और शारीरिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं, ऐसे में जरूरी हो जाता है कि हम अपने लिए कुछ वक्त निकाल कर साधना और चिंतन करें।

चिंतन करने का सबसे बेहतरीन तरीका मंत्रों के जाप को माना जाता है। मंत्रों के जाप से केवल हम आंतरिक ही नहीं अपितु अपने आस-पास भी साकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे मंत्रों के बारे में जिनका जाप रोजाना करने से मनुष्य मन की शांति प्राप्त कर सके।

शिव मंत्र का जाप करें

ऐसे कई मंत्र हैं जो आपके मन को शांति देते हैं और आपकी पवित्रता बनाए रखते हैं। साथ ही आपका मनोबल भी बढ़ाते हैं। उन्हीं में से एक है शिव का मंत्र "ओम नमः शिवाय"। यह मंत्र भगवान शिव का बहुत ही सरल और प्रभावी मंत्र है। रुद्राक्ष की माला से इसका पाठ करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का 108 बार जाप करें। इस मंत्र का जाप आप सुबह या शाम किसी भी समय कर सकते हैं। जब आप भगवान शिव का ध्यान करते हैं तो न केवल आपको शांति मिलती है बल्कि सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। मन को शांत करने के लिए भगवान शिव का नाम लें और उनका मंत्र दोहराएं। इस मंत्र के जाप से आप तनाव मुक्त हो सकते हैं।

भगवान विष्णु का अद्भुत मंत्र

मन को शांत करने और तनाव दूर करने के लिए आप विष्णु मंत्र 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप कर सकते हैं। यह 12 अक्षर का मंत्र भगवान विष्णु का अचूक मंत्र है। मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से सभी पाप दूर होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि इस मंत्र का जाप आपको पितृ दोष से मुक्त करता है। सूर्यास्त से पहले इस मंत्र का जाप करने से लाभ मिलता है। धर्मशास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु जगत के पालनहार हैं। भगवान विष्णु का स्वरूप शांत और आनंदमय है। इसलिए मन को शांत करने के लिए इस मंत्र का जाप करें।

गायत्री मंत्र का जाप करें

गायत्री मंत्र का उल्लेख चारों वेदों में मिलता है। ध्यान करने वाले ज्यादातर लोग इस मंत्र को दोहराते हैं। ॐ भूर्भुव: स्वः तत्सवितुर्वरेण्य भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात - इस मंत्र के ऋषि विश्वामित्र हैं और देवता सविता हैं। ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र की शक्ति इतनी महान है कि जो व्यक्ति इसे नियमित रूप से तीन बार दोहराता है, उसके आसपास नकारात्मक शक्तियां और उच्च बाधाएं नहीं भड़कती हैं। गायत्री मंत्र का जाप सूर्योदय से दो घंटे पहले से लेकर सूर्यास्त के एक घंटे बाद तक किया जा सकता है। मौन मानसिक जप कभी भी किया जा सकता है, लेकिन इस मंत्र का जाप रात्रि के समय नहीं करना चाहिए।