Vastu Tips
Vastu Tips www.raftaar.in
वास्तु टिप्स

Vastu Tips : ये पौधा रखें घर में,दरिद्रता आस - पास नहीं टिकेगी

नई दिल्ली , 18 नवंबर 2023 : सनातन धर्म में तुलसी को पावन माना जाता है, और कहा जाता है कि इसमें भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आवास होता है। इसके कारण, इसे पूजनीय स्थान मिला है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तु में शमी का पौधा भी बहुत शुभ माना जाता है? इसका पूजन करने से शनिदोष का प्रभाव कम होता है, और इसे घर में रखने से दरिद्रता का नाश होता है। इसलिए, लोग इस पौधे को अपने गमले में लगाते हैं। इसका धार्मिक महत्व क्या है, इसे घर में कैसे उगाएं, और कैसे इसका पूजन करें, इस पर चर्चा करते हैं।

क्यों होती है शमी के पौधे की पूजा? धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शमी का पौधा बहुत प्रभावशाली है और इसका पूजन करने से शनिदोष का प्रभाव कम होता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और नकारात्मकता दूर होती है। रामायण में भी इसका महत्व उजागर है, जहां भगवान राम ने शमी के पेड़ का पूजन करके विजय प्राप्त की थी।

भगवान शिव होते हैं प्रसन्न हिंदू धर्म में शमी के पत्तों का इस्तेमाल भगवान शिव की पूजा में भी किया जाता है, जिससे वह प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही, भगवान गणेश और मां दुर्गा की पूजा में भी शमी के पत्तों का उपयोग किया जाता है। शनिवार को शमी के पौधे का पूजन करना शुभ माना जाता है, जिससे घर में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।

शमी का पौधा लगाने की सही दिशा शुभ प्रभाव के लिए किसी भी वस्तु को सही दिशा में रखना जरूरी है। वास्तु के अनुसार, शमी का पौधा कभी भी घर के भीतर नहीं लगाना चाहिए, बल्कि इसे बालकनी या छत पर रखना शुभ होता है। इसे दक्षिण दिशा में लगाना शुभ माना जाता है, और शमी के पौधे को सीधी धूप से बचाएं। शनिवार को इसे पूजन करना बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि इसका संबंध सीधा शनिदेव से है।

शमी का पौधा लगाने का तरीका शमी को गर्म तापमान में अच्छी तरह बढ़ने की आदत है, इसलिए इसे वसंत ऋतु के दौरान, यानी मार्च और अप्रैल के बीच लगाना उचित है। आपको शमी के हाई जर्मिनेशन रेट वाले सीड की आवश्यकता होगी, और यदि आप इसे कटिंग से उगाने का विचार कर रहे हैं, तो स्वस्थ पौधे की लगभग 6 इंच लंबी कटिंग की आवश्यकता है। इसे गमले में लगभग 3-4 इंच गहराई में सीधा लगाएं और इसे धूप वाले स्थान पर रखें। कटिंग में जड़े आने पर, आप इसे जमीन में भी प्रत्यारोपित कर सकते हैं।

अन्य ख़बरों के लिए क्लिक करें - www.raftaar.in

डिसक्लेमर

इस लेख में प्रस्तुत किया गया अंश किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की पूरी सटीकता या विश्वसनीयता की पुष्टि नहीं करता। यह जानकारियां विभिन्न स्रोतों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/प्रामाणिकताओं/धार्मिक प्रतिष्ठानों/धर्मग्रंथों से संग्रहित की गई हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य सिर्फ सूचना प्रस्तुत करना है, और उपयोगकर्ता को इसे सूचना के रूप में ही समझना चाहिए। इसके अतिरिक्त, इसका कोई भी उपयोग करने की जिम्मेदारी सिर्फ उपयोगकर्ता की होगी।