Vastu Tips
Vastu Tips www.raftaar.in
वास्तु टिप्स

Vastu Tips : अपनाएं ये उपाय, बच्चों को लगेगा पढ़ने में मन, परीक्षा में मिलेगी सफलता

नई दिल्ली , 01 नवंबर 2023 : हर माता-पिता और पैरेंट्स की एक सामान्य शिकायत है कि उनके बच्चा अक्सर पढ़ाई के नाम पर सक्रिय नहीं होता और उसकी पढ़ाई में रुचि नहीं लेता है। हालांकि, सभी बच्चे एक समान नहीं होते। हर बच्चे का स्वभाव और रूचि में अंतर होता है। इसी कुछ बच्चों का दिमाग बहुत तेज होता है और वे पढ़ाई में उत्कृष्टता प्रदर्शित करते हैं। लेकिन कुछ बच्चे बहुत चंचल होते हैं और पढ़ाई के समय उनका ध्यान इधर-उधर भटकता है, जिससे कि उनकी पढ़ाई में मन भटक जाता है। इस प्रकार के बच्चों पर माता-पिता कभी-कभी गुस्सा करते हैं और उन्हें पढ़ाई के समय डांट भी लगा देते हैं।

हालांकि, बच्चे की पढ़ाई में ध्यान ना लगने के पीछे एक कारण यह भी हो सकता है कि घर का वातावरण और वास्तु दोष भी हों। पढ़ाई के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है एकाग्रता, जो यदि बच्चे को नहीं मिलती है, तो उसका ध्यान भटक सकता है। इसलिए, कुछ वास्तु उपायों के माध्यम से घर के वातावरण में पॉजिटिविटी लाई जा सकती है, जिससे बच्चे की पढ़ाई में रुचि बढ़ सकती है।

  • स्टडी रूम की दिशा: वास्तु के अनुसार, स्टडी रूम की दिशा पूर्व, उत्तर या ईशान कोण की होनी चाहिए। इन दिशाओं में पढ़ाई करने से बच्चों को एकाग्रता और ज्ञान प्राप्त होता है।

  • पढ़ाई करते समय बच्चे का मुंह: पढ़ाई करते समय बच्चे का मुंह हमेशा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। ऐसा करने से बच्चे को पढ़ाई में मन लगेगा।

  • मां सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर: स्टडी रूम में मां सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर लगाने से बच्चों को विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है।

  • स्टडी टेबल का आकार: स्टडी टेबल का आकार चौकोर या आयतकार होना चाहिए। नुकीली या टूटी-फूटी स्टडी टेबल से बच्चों का ध्यान भटक सकता है।

  • स्टडी रूम में शीशा: स्टडी रूम में शीशा नहीं लगाना चाहिए। शीशे से बच्चों का ध्यान भटक सकता है।

  • स्टडी रूम का रंग: स्टडी रूम में हल्का हरा और पीला रंग का प्रयोग करना चाहिए। ये रंग बच्चे की एकाग्रता बढ़ाते हैं।

इन वास्तु टिप्स के साथ-साथ, बच्चों को उनकी रुचि के हिसाब से पढ़ाई करने की कोशिश करना भी महत्वपूर्ण है। हर बच्चे की बौद्धिक क्षमता और रूचि अलग-अलग होती हैं, और इसे समझते हुए माता-पिता को उन्हें सहारा देना चाहिए। बच्चों को सकारात्मक माहौल में पढ़ाई के लिए प्रेरित करना और ध्यान देना महत्वपूर्ण है ताकि उन्हें पढ़ाई में रुचि हो और उन्हें आत्म-समर्पण का अहसास हो।

अन्य ख़बरों के लिए क्लिक करें - www.raftaar.in

डिसक्लेमर

इस लेख में प्रस्तुत किया गया अंश किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की पूरी सटीकता या विश्वसनीयता की पुष्टि नहीं करता। यह जानकारियां विभिन्न स्रोतों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/प्रामाणिकताओं/धार्मिक प्रतिष्ठानों/धर्मग्रंथों से संग्रहित की गई हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य सिर्फ सूचना प्रस्तुत करना है, और उपयोगकर्ता को इसे सूचना के रूप में ही समझना चाहिए। इसके अतिरिक्त, इसका कोई भी उपयोग करने की जिम्मेदारी सिर्फ उपयोगकर्ता की होगी।