वास्तु टिप्स

टॉयलेट के लिए वास्तु टिप्स - Toilet Ke Liye Vastu Tips

आधुनिक युग में सभी लोग घर बनाते समय वास्तु का पूरा ध्यान रखते है। माना जाता है कि यदि घर में हर चीज वास्तु शास्त्र के अनुसार हो तो खुशहाली आती है और वास्तु के अनुसार न हो तो घर में दुख तथा अनिद्रा, पेट दर्द, डायबटीज़, ब्लडप्रेशर जैसी गंभीर बिमारियों का वास होता है। आज के युग में वास्तु शास्त्र में महिलाएं अधिक रुचि रखती हैं। इसलिए घर को परेशानियों और बिमारियों से दूर रखने के लिए, शौचालय बनाते समय वास्तु शास्त्र का पूरा ध्यान रखें।

  • वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर में शौचालय बनाने के लिए सबसे उत्तम स्थान दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण दिशा है।

  • संग्लन शौचालय या शौचालय का गटर घर के उत्तर या पश्चिम दिशा में बनाया जा सकता है।

  • वास्तु शास्त्र की दृष्टि से भवन के मध्य में, दक्षिण-पूर्व दिशा या उत्तर-पूर्व दिशा में शौचालय बनाना सही नही माना जाता है।

  • शौचालय या बाथरूम का द्वार और खिड़कियां दक्षिण दिशा को छोड़कर अन्य किसी भी दिशा में बनाया जा सकता है।

  • वास्तुशास्त्र के अनुसार बेसिन ऐसे लगाया जाना चाहिए, ताकि शौच के समय व्यक्ति का मुहं पूर्व दिशा की तरफ न हो।

  • शौचालय या बाथरूम में नल उत्तर-पूर्व दिशा या पश्चिम दिशा में रखना उचित माना जाता है।

  • घर में शौचालय या बाथरूम कभी भी सीढ़ियों के नीचे बनाना वास्तु शास्त्र की दृष्टि में अच्छा नहीं माना जाता है।