वास्तु टिप्स

ऑफिस के लिए वास्तु टिप्स - Office Ke Liye Vastu Tips

वास्तु शास्त्र में आपके हर रोज की दिनचर्या से लेकर घर-परिवार की हर तरह की बातें बताई गई हैं। इन चीजों का अगर आप पालन करेंगे तो आपके घर में कभी भी नेगेटिव एनर्जी प्रवेश नहीं कर पाएगी। इसके लिए सबसे पहले घर में एक मंदिर का होना शुभ माना जाता है। मंदिर से आपके घर में ही नहीं बल्कि शरीर में भी पॉजीटिव एनर्जी का प्रवाह होता है। हालांकि सिर्फ मंदिर का होना ही काफी नहीं है, इससे संबंधित वास्तु उपायों को मानना भी बहुत जरूरी है।

मंदिर में भगवान की मूर्तियों को सामने की तरफ रखना चाहिए। टेढ़ी-मेढ़ी मूर्तियां रखना सही नहीं है। भगवान की पीठ दिखना शुभ नहीं माना जाता। इसके अलावा पूजा घर में कभी भी गणेश जी की दो से अधिक मूर्तियां या तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। यह शुभ फलदायी नहीं होता। घर की दो अलग-अलग जगहों पर एक भगवान की दो तस्वीर हो सकती हैं, लेकिन एक ही जगह पर एक भगवान की दो तस्वीरें नहीं रखनी चाहिए। इसके अलावा भगवान की ऐसी मूर्ति या तस्वीर भी मंदिर में नहीं रखनी चाहिए, जो युद्ध की मुद्रा में हो या जिसमें भगवान का रौद्र रूप दिखाई दे रहा हो। साथ ही खंडित मूर्तियों को भी घर में नहीं रखना चाहिए। उन्हें जल्द से जल्द विसर्जित कर देना चाहिए। घर में हमेशा सौम्य, सुंदर और आशीर्वाद की मुद्रा वाली भगवान की मूर्तियां ही लगानी चाहिए। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

घर में मंदिर का स्थान सबसे ऊंचा माना जाता है। सुबह सबसे पहले लोग भगवान का ही दर्शन करते हैं। ऐसे में भगवान के मंदिर का रंग भी कोमल होना चाहिए जो पॉजीटिव एनर्जी देता हो। भगवान के मंदिर का रंग बहुत ही सौम्य और मन को शांति देने वाला होना चाहिए। इस हिस्से में सकारात्मकता बनी रहनी चाहिए, इसलिए पूजा घर की दिवारों पर हल्का पीला रंग या गेरूआ रंग करवाना ठीक रहता है। वहीं फर्श के लिए हल्के पीले या सफेद रंग के पत्थर का चुनाव करना अच्छा होता है।

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार ऑफिस का प्रवेश द्वार यानि मेन डोर पूर्व या उत्तर दिशा में रखना शुभ माना जाता है।

  • ऑफिस का रिसेप्शन काउंटर बाईं तरफ और इंतजार करने का स्थान दाहिनी ओर हो तो वास्तु की दृष्टि में यह बहुत अच्छा माना जाता है।

  • ऑफिस में यदि इंतजार करने या वेटिंग रूम की जगह बनाना कठिन हो तो, आने वाले लोगों के लिए मालिक या अधिकारियों के केबिन के बाहर सौफासेट या कुर्सियों को पूर्व या उत्तर दिशा की दीवार से सटा कर रखा जा सकता है।

  • वास्तु शास्त्र के मुताबिक ऑफिस के मालिक और सर्वोच्च व्यक्ति का केबिन दक्षिण या पश्चिम भाग में बनाना उचित माना जाता है। इसके अलावा मालिक की कुर्सी का मुंह पूर्व या उत्तर की ओर और आगन्तुकों का मुंह पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर होना भी अच्छा माना जाता है।

  • ऑफिस का भंडारघर (पेन्ट्री) या जहां सारा सामान रखा जाता है वह दक्षिण-पूर्व दिशा में बनाना वास्तु की दृष्टि से अच्छा माना जाता है।

  • ऑफिस का टायलेट उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम दिशा के अलावा अन्य किसी भी दिशा में बनाया जा सकता है।

  • ऑफिस के एकाउन्टेन्ट या कैशियर को उत्तर की ओर तथा बाहर काम करने वाले सेल्समैन, निरीक्षक को उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बैठाना चाहिए।

  • वास्तु शास्त्र के मुताबिक ऑफिस का द्वार किसी अन्य ऑफिस के सामने, कैन्टीन या टेलीफोन बूथ के पास होना शुभ नहीं माना जाता है।